वर्धा. कपास की फसल को यूरिया की जरूरत होने से किसानों की मांग बढ़ गई है़ किंतु, पिछले पखवाड़े में ग्रामीण विभाग के किसी भी कृषि सेवा केंद्र पर यूरिया उपलब्ध नहीं है़ जरूरत के समय ऐन मौसम में खाद नहीं मिलने से किसान अन्य जिलों में यूरिया लाने जाने की बात सामने आयी है़ जिले में कपास का क्षेत्र काफी ज्यादा है.
इस वर्ष अति वर्षा के कारण फसल खतरे में है, जिससे पौधों को संजीवनी देने तथा कपास का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान यूरिया का उपयोग कर रहे है़ं किंतु मांग की तुलना में खाद की उपलब्धता नहीं हो पा रही है़ यूरिया खाद की 45 किलो की बोरी 266 रुपए को खरीदनी पड़ रही है़ ग्रामीण विभाग में अधिकांश कृषि केंद्रों पर खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान वर्धा के साथ ही अमरावती, यवतमाल, नागपुर जिले में जा रहे है.
जिला स्तर पर वखार महामंडल के गोडाउन में जमा किए 2,700 मीट्रिक टन यूरिया खाद का बफर स्टाक जिलाधिकारी की मान्यता के बाद खुला किया गया है़ यूरिया की शहरी क्षेत्र के बजाए ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर आपूर्ति की जाएगी.