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वर्धा. उच्च न्यायालय के निर्णय के कारण जिले के 7 कृषि उपज मंडी के चुनाव खटाई में आ गये हैं. राज्य सरकार ने चुनाव लेने के संदर्भ अधिसूचना जारी की थी, परंतु हायकोर्ट ने प्रथम सोसायटी के चुनाव लेने के लिये कहा है. परिणामवश कृषि उपज मंडी के चुनाव को लेकर चल रही राजनीतिक गतिविधियों पर ब्रेक लग गया है.
जिले में सात कृषि उपज मंडियां हैं. जिससे वर्धा, हिंगनघाट, सेलू-सिंदी, आर्वी, कारंजा-आष्टी, देवली व समुद्रपुर उपज मंडी का समावेश है. हिंगनघाट उपज मंडी विदर्भ की सबसे बड़ी खरीददार मंडी है. इन सभी मंडियों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस का वर्चस्व निरंतर रहा है. वर्धा छोड़ अन्य मंडियों में उनका ही वर्चस्व है. राज्य सरकार ने कृषि उपज मंडी के चुनाव की अधिसूचना 29 अक्टूबर 2021 को जारी की थी. जिससे उपज मंडी के चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई. सरकार ने 23 नवंबर से फरवरी के अंतिम दिनों के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिये थे.
कृषि उपज मंडियों में सबसे अधिक सदस्य सेवा सहकारी सोसायटी से चुनकर आते हैं. जिले के 7 मंडियों की सदस्य संख्या 122 है, परंतु 73 सदस्य सेवा सहकारी संस्था से चुनकर आते हैं. जिससे सेवा सहकारी संस्था का अधिक प्राबल्य होता है. उसके बाद ग्रापं क्षेत्र से 27 सदस्य निर्वाचित होते हैं. व्यापारी, अड़ते, मापरी तथा हमाल क्षेत्र से सबसे कम सदस्य होते हैं.
सेवा सहकारी संस्था का कार्यकाल खत्म हो चुका है. कोरोना के कारण सेवा सहकारी संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं. वर्तमान में सेवा सहकारी संस्था के पास चुनाव कराने हेतु पर्याप्त राशि नहीं है. जिला सहकारी बैंक आर्थिक रूप से डूबने के कारण उसका सीधा असर सेवा सहकारी संस्था पर हुआ है. पहले किसान सेवा सहकारी सोसायटी के माध्यम से कर्ज लेते थे, परंतु सहकारी बैंक के व्यवहार पर रिजर्व बैंक ने पाबंदी लगाने के कारण किसानों ने राष्ट्रीयकृत बैंक से कर्ज लेना आरंभ किया है.
सेवा सहकारी संस्था कार्यकाल समाप्त होने से प्रशासक की नियुक्ति की गई है. चुनाव नहीं होने के कारण उक्त क्षेत्र से किसे वोटिंग व चुनाव में खड़ा रहने का अधिकार होगा यह स्पष्ट नहीं हुआ है. सबसे अधिक सदस्य इसी क्षेत्र से आते हैं. जिसके चलते औरंगाबाद हायकोर्ट में पीटिशन दायर की गई थी. जिस पर न्यायामूर्ति संजय गंगापुरवाला व आर एन लड्ढा की बेंच ने प्रथम सेवा सहकारी संस्था के चुनाव लेने व उसके बाद ही कृषि उपज मंडी का चुनाव लेने के निर्देश दिये हैं. परिणामवश उपज मंडी की चुनाव प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है. सूत्रों ने बताया कि कृषि उपज मंडी के चुनाव इस निर्णय के कारण 6 माह के बाद ही हो सकते हैं.
सेवा सहकारी संस्थाओं की वर्धा समेत अन्य कुछ जिलों में आर्थिक हालत खराब है. चुनाव के लिये पैसे भरने के लिये भी उनके पास राशि नहीं है. ऐसे परिस्थिति में सरकार ने निर्धारित की हुई समयसीमा में कृषि उपज मंडी के चुनाव होना कठिन है.
एड. सुधीर कोठारी, सभापति हिंगनघाट कृषि उपज मंडी तथा सहकार नेता
कुल सदस्य 18
सोसायटी क्षेत्र 11
ग्रापं से क्षेत्र 04
व्यापारी व अडते क्षेत्र 2
हमाल व मापारी 1
कुल सदस्य 18
सोसायटी क्षेत्र 11
ग्रापं से क्षेत्र 04
व्यापारी व अडते क्षेत्र 2
हमाल व मापारी 1
कुल सदस्य 13
सोसायटी क्षेत्र 07
ग्रापं से क्षेत्र 03
व्यापारी व अडते क्षेत्र 2
हमाल व मापारी 1
कुल सदस्य 18
सोसायटी क्षेत्र 11
ग्रापं से क्षेत्र 04
व्यापारी व अडते क्षेत्र 2
हमाल व मापारी 1
कुल सदस्य 18
सोसायटी क्षेत्र 11
ग्रापं से क्षेत्र 04
व्यापारी व अडते क्षेत्र 2
हमाल व मापारी 1
कुल सदस्य 18
सोसायटी क्षेत्र 11
ग्रापं से क्षेत्र 04
व्यापारी व अडते क्षेत्र 2
हमाल व मापारी 1
कुल सदस्य 19
सोसायटी क्षेत्र 11
ग्रापं से क्षेत्र 04
व्यापारी व अडते क्षेत्र 3
हमाल व मापारी 1