
बोर टाइगर रिजर्व (फाइल फोटो)
Bor Tiger Reserve Rehabilitation: बोर बाघ परियोजना के बफर क्षेत्र में आने वाले पांच गांव के पुनर्वास का निर्णय शासन और प्रशासन स्तर पर तय किया गया है। वर्तमान में इन गांवों में स्थावर संपत्तियों का मूल्यांकन लोकनिर्माण विभाग द्वारा युद्धस्तर पर किया जा रहा है। वहीं फलों के पेड़ों का मूल्यांकन कृषि विभाग और वन वृक्षों का मूल्यांकन वन विभाग करेगा।
मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बोर व्याघ्र परियोजना प्रशासन की ओर से विशेष प्रस्ताव नागपुर डिवीजन के आयुक्त (डीसी) को भेजा जाएगा। इसी प्रस्ताव के आधार पर विभागीय आयुक्त महाराष्ट्र परियोजना बाधित व्यक्तियों के पुनर्वास अधिनियम 1999 की धारा 11 के तहत अधिसूचना जारी करेंगे। इसके बाद ही लाभार्थियों को मुआवजा वितरित किया जाएगा।
बोर व्याघ्र परियोजना के बफर क्षेत्र में स्थित और कोर क्षेत्र के बेहद पास बसे मरकसूर, येनीदोडका, गरमसूर, उमरविहिरी और मेट हिरजी इन गांवों के नागरिक लंबे समय से बाघ, तेंदुआ, भालू जैसे हिंसक वन्य जीवों के आतंक में जीवन बिता रहे हैं। इन गांवों के लोगों ने पुर्नवास की मांग प्रशासन के समक्ष रखी थी।
पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर व विधायक सुमित वानखेड़े के लगातार प्रयासों और शासन की सकारात्मक भूमिका के चलते इन पांच गांवों के पुर्नवास को मंजूरी दे दी गई। इसके बाद बोर व्याघ्र परियोजना प्रशासन ने इन सभी गांवों में बेसलाइन सर्वे कर परिवारों की संख्या सहित आवश्यक जानकारी एकत्र की।
हाल ही में राज्य सरकार ने इन पांच गांवों के पुर्नवास की अधिसूचना जारी कर इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप से मंजूरी दी। मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त होते ही बोर परियोजना प्रशासन नागपुर के विभागीय आयुक्त को सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर अधिसूचना जारी करने का अनुरोध करेगा।
पुर्नवास के लिए मरकसूर, येनीदोडका, गरमसूर, उमरविहिरी और मेट हिरजी गांवों के नागरिकों ने सर्वसम्मति से विकल्प चुना है। इसके अनुसार प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
एक दंपत्ति को एक परिवार माना जाएगा, जबकि अधिसूचना जारी होने की तिथि पर उस ही परिवार का कोई सदस्य 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का होगा तो उसे अलग परिवार मानकर 15 लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन यदि दंपत्ति के अलावा अन्य सदस्य अधिसूचना की तारीख को 18 वर्ष से कम आयु के होंगे, तो उन्हें एक ही परिवार मानते हुए मुआवजा दिया जाएगा।
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कोर क्षेत्र के लिए जिन परिवारों की जमीन या घर अधिग्रहित किए गए हैं, ऐसे परिवारों में से एक सदस्य को ‘परियोजना प्रभावित परिवार’ का प्रमाणपत्र देकर सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। बोर व्याघ्र परियोजना के बफर क्षेत्र के इन पांच गांवों का पुर्नवास इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और इसके लिए तेजी से कार्यवाही जारी है।
राज्य सरकार ने सितंबर में पुर्नवास हेतु अधिसूचना जारी की है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा पांच गांवों की स्थावर सम्पतियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। इन गांवों का पुर्नवास जल्द से जल्द पूरा हो इसके लिए बोर व्याघ्र परियोजना प्रशासन विशेष प्रयास कर रहा है।






