
वर्धा न्यूज
Property Tax Relief Scheme: वर्धा के शहरी क्षेत्र के बकाया टैक्स भारका को राहत देने के लिए अभय योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। लेकिन योजना के अंतर्गत अब तक 25 से 30 ही आवेदन मिलने से योजना के अंतर्गत बकाया टैक्स धारकों का प्रतिसाद अल्प दिखाई दे रहा है। बता दें कि, 2 प्रश शास्ति के कारण बकाया टैक्स धारकों की रकम निरंतर बढ़ने से राहत दी जा रही है।
महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक अधिनियम 1965 के अंतर्गत तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2010 में बकाया टैक्स पर 2 प्रश ब्याज वसूली का निर्णय लागू किया। तब से शहरवासी प्रतिवर्ष करोड़ों रुपयों की दंडात्मक रकम नगर परिषद में टैक्स के साथ चुका रहे हैं। वर्ष 2024-25 में बकाया टैक्स पर शहरवासियों ने 1 करोड़ 38 लाख 18 हजार 238 रुपयों का टैक्स चुकाया है।
लेकिन इसका विपरीत परिणाम यह कि, बकायाधारकों की रकम दिन-ब-दिन बढ़ने से उन्हें आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। अबतक नगर परिषद प्रशासन को ढाई करोड़ रुपए टैक्स वसूल करने कामयाबी मिली है। जिसमें संपत्ति व पानीपट्टी का समावेश होने की जानकारी है।
जबकि साढ़े चार करोड रुपयों के आसपास टैक्स बकाया रहने की जानकारी है, नप प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जब से अभय योजना लागू हुई, तब से टैक्स वसूली को ब्रेक लग गया है। बकायाधारकों की संख्या बडी रहने के बावजूद भी अभय योजना के अंतर्गत अबतक केवल 25 से 30 ही आवेदन मिलने से आश्चर्य व्यक्त हो रहा है।
यह भी पढ़ें – नागपुर में एक ही दिन में 9 की धरपकड़, ट्रेनों में संतरे बेच रही थी गैंग, RPF की CIB का बड़ा एक्शन
अबतक किसी को नहीं मिला लाभ बकाया टैक्स पर 2 प्रश शास्ति लगाई जा रही है। टैक्सधारकों का बोझ कम करने के दृष्टीकोण से आर्थिक वर्ष 2025-26 तक अभय योजना लागू है। बकाया टैक्स की शास्ति पर 50 प्रतिशत तक राहत प्रदान दी जा रही है। लेकिन प्रस्ताव भेजने के बाद जिसे जिलाधिकारी की मान्यता जरूरी है, ऐसा भी बताया जा रहा है। वर्धा नप को केवल 25 से 30 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिसमें से अबतक किसी को भी लाभ नहीं मिला है। सभी प्रस्ताव विचाराधीन होने की जानकारी है।
शहर में कुल संपत्तिधारकों की संख्या 26 हजार के करीब है। कुछ संपत्तिधारक गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले हैं। जादा आय नहीं होने से उन्होंने शुरूआती LLL दौर में टैक्स भरने ध्यान नहीं दिया, किंतु, 2010 से बकाया टैक्स पर ब्याज लगाने का निर्णय लेने के बाद से प्रतिवर्ष टैक्स का कुछ हिस्सा नप में भरते है, लेकिन बकाया टैक्स पर निरंतर व्याज लगने से रकम वैसे ही रह रही है। ऐसे में अभय योजना के अंतर्गत राहत प्रदान करने का निर्णय लिया गया। लेकिन जिसे भी प्रतिसाद अल्प मिल रहा है। नप प्रशासन को इसके लिए व्यापक जनजागृति करने की जरूरत व्यक्त की जा रही है।






