वर्धा. जिला बार एसोसिएशन में पिछले दो वर्षों से विविध कारणों से इकट्ठा होने वाली राशि का कोई हिसाब नहीं दिया जा रहा है. इस वर्ष करीब 6 लाख की गड़बड़ी हुई है. इस संदर्भ में विस्तृत जांच करने की मांग एसोसिएशन के सदस्य एड. निलकंठ हुड, एड. अनंत सालवे व एड. अर्चना पेठे ने की है.
उन्होंने पत्र-परिषद में बताया कि, एसो़ की सचिव द्वारा मनमानी तरीके से काम हो रहा है. आमसभा बुलाई नहीं जाती़ और न ही किसी खर्च का हिसाब रखा जा रहा है़ कुछ दिनों पहले 55 सदस्यों के हस्ताक्षर से एसो़ के अध्यक्ष को पत्र दिया गया था़ इस पर अध्यक्ष ने सचिव को निर्देश देते हुए हिसाब रखने को कहा़ परंतु उनके निर्देशों को भी दरकिनार किया गया़ नए सदस्यों से मनमानी तरीके से सभासद शुल्क वसूला जा रहा़ नियमानुसार काम नहीं हो रहे. जो सदस्य आवाज उठाते हैं, उनका दमन हो रहा है. पिछली सभा का अह्वाल आमसभा में नहीं रखा जाता़ 13 दिसंबर को कार्यकाल खत्म होने पर भी अब तक जनरल सभा नहीं बुलाई गई. 6 फरवरी को ली गई आमसभा में केवल मौखिक हिसाब रखा गया़ सवाल पूछने पर सभा खत्म कर दी गई़ कुल छह लाख रुपयों की गड़बडडी का हिसाब देने की मांग सदस्यों ने की है.
6 फरवरी को संगठन की जनरल बैठक हुई़ इसमें एड. अर्चना पेठे उपस्थित नहीं थी़ एड. हूड, एड. सालवे मौजूद थे़ सभा में किसी ने लिखित हिसाब की मांग नहीं की़ एड. अंबादे ने आवेदन कर हिसाब की प्रमाणित प्रति मांगी़ परंतु इस प्रकार प्रति देने संबंध में कोई व्यवस्था नहीं है़ जिन 55 वकीलों ने हस्ताक्षर कर पत्र अध्यक्ष को दिया है. इसकी जांच करने पर अधिकांश वकीलों ने हमने हस्ताक्षर नहीं किये, ऐसा कहा़ कुछ सदस्यों द्वारा किये गये आरोप बेबुनियाद है.
-एड. अनुजा देशपांडे, सचिव, जिला बार एसोसिएशन
यह जिला बार एसोसिएशन का अंतर्गत मुद्दा है. इस प्रकार सार्वजनिक तौर पर इसे उठाना उचित बात नहीं है. उनकी जो समस्या हैं, उस पर चर्चा के बाद हल निकाला जा सकता है. उनकी मांग पर सचिव को हिसाब पेश करने के निर्देश दिये थे. एसोसिएशन के हिसाब की जिम्मेदारी सचिव की होने से इस संबंध में वे स्वयं जवाब देंगे.
-के. पी. लोहवे, अध्यक्ष, जिला बार असोसिएशन