वर्धा न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Wardha News In Hindi: जिले में रुक-रुक कर बारिश जारी है। इस वर्ष समय-समय पर जिले में अतिवृष्टि हुई, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इसी अतिवृष्टि के चलते जिले में लगभग 200 किलोमीटर सड़कें और करीब 25 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, ऐसा प्राथमिक अनुमान बताया गया है।
वर्तमान में जिला परिषद का निर्माण विभाग, ग्रामीण सड़क विभाग और लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, कुछ स्थानों पर अस्थायी मरम्मत कर सड़क यातायात के लिए खोल दी गई है। इस वर्ष जून माह में बारिश ने देर से दस्तक दी। लेकिन जुलाई में बारिश ने जोर पकड़ा, जिससे किसानों ने तेजी से बोआई का कार्य शुरू किया।
जुलाई, अगस्त और सितंबर के पहले सप्ताह में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। फिलहाल जिले में धूप और बादलों का खेल चल रहा है और रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जून, जुलाई और अगस्त के दौरान जिले के सभी आठ तहसीलों में समय-समय पर भारी वर्षा हुई।
इसके कारण राज्य महामार्ग, जिला मार्ग और ग्रामीण सड़कों की हालत कई जगहों पर बहुत खराब हो गई है। बीच में जिला प्रशासन के अंतर्गत जिला परिषद निर्माण, सार्वजनिक निर्माण और ग्रामीण सड़क विभाग ने गांव स्तर पर जानकारी एकत्रित की थी, जिससे पता चला कि लगभग 200 किलोमीटर सड़कें और करीब 25 पुल अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। लेकिन अब भी बारिश जारी है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुल कितनी दूरी की सड़कों और कितने पुलों को वास्तव में नुकसान हुआ है। साथ ही, इनकी स्थायी मरम्मत के लिए कितनी राशि की आवश्यकता होगी, इसकी गणना प्रशासन द्वारा अब तक नहीं की गई है, ऐसी जानकारी विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त हुई है।
अतिवृष्टि के चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई और जिले के कुछ स्थानों पर नदियों और नालों पर बने पुल क्षतिग्रस्त हो गए। बाढ़ की स्थिति सामान्य होने के बाद संबंधित विभागों द्वारा क्षतिग्रस्त पुलों की अस्थायी मरम्मत कर मार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। लेकिन स्थायी मरम्मत के लिए भारी निधि की आवश्यकता होने के कारण अभी तक संबंधित विभागों ने यह कार्य शुरू नहीं किया है।
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गड्ढे होने वाली सड़कें दुर्घटनाओं को निमंत्रण देती हैं। अतिवृष्टि के कारण जिले में लगभग 200 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इन गड्ढेदार सड़कों पर यात्रा करते समय वाहन चालकों को गड्ढों से बचने के लिए जोखिम उठाना पड़ रहा है। जान हथेली पर लेकर वे सडको पर सफर कर रहे है़ं संबंधित विभागों को चाहिए कि वे समय रहते इन सड़कों को समतल करने के लिए ठोस कदम उठाएं, ऐसी मांग है।