कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र अब अपने आखिरी दौर में पहुंच गया है। बजट सत्र के समापन में अब महज दो दिन और शेष बचे हैं लेकिन बीजेपी नीत सत्तारूढ़ महायुति सरकार ने विपक्ष के नेता की नियुक्ति को अब तक मंजूरी नहीं दी है। इस पर विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने तीव्र आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से जल्द से जल्द विपक्ष के नेता को मंजूरी देने की मांग की है।
विजय वडेट्टीवार ने सोमवार के विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि सत्र में महज दो दिन और शेष बचे हैं। इसलिए अब संख्याबल की परवाह किए बगैर सरकार विधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति कर दे।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष विकास के दो पहिये हैं। इसी का हवाला देते हुए वडेट्टीवार ने विधानसभा की कार्यवाही की प्रक्रिया का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दूसरी पहिया विपक्ष का नेता है। यह पहिया फिलहाल हॉल में नहीं है। इसलिए विपक्षी के नेता नियुक्त जल्द से जल्द की जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने आगे कहा महाराष्ट्र में संख्या बल के आधार पर विपक्ष का नेता नियुक्त करने की कोई परंपरा नहीं है। हमने ऐसा नहीं देखा है। इसलिए नई परंपरा शुरू नहीं की जानी चाहिए। महायुति सरकार को भारी बहुमत मिला है, इस पर लगाम लगाने और महाराष्ट्र के 14 करोड़ लोगों को न्याय दिलाने के लिए उन्हें विपक्ष के नेता की जरूरत है।
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विधानसभा का काम एकतरफा नहीं होना चाहिए। सत्र का अंतिम सप्ताह है और उस कुर्सी को खाली रखकर कामकाज नहीं चलाया जाना चाहिए। कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने मुद्दा उठाया कि अध्यक्ष के पास अधिकार है, इसलिए उन्हें ही निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आश्वासन दिया है कि सदन की कार्यवाही नियमानुसार चलेगी तथा नियुक्तियां भी नियमानुसार ही की जाएंगी।
बता दें कि विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव को एलओपी बनाने का निर्णय लिया है। विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन यानी 4 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भास्कर जाधव को एलओपी बनाने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अधिकृत तौर पर पत्र दिया था।