नासिक में ऑनलाइन ठगी (pic credit; social media)
Online Cyber Fraud: ऑनलाइन ठगी के बढ़ते जाल पर मीरा भाईंदर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो छत्तीसगढ़ से लेकर मुंबई तक सक्रिय था। यह गिरोह नागरिकों के मोबाइल फोन हैक कर उनके बैंक खातों से करोड़ों की ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मुख्य सरगना को छत्तीसगढ़ से पकड़ा गया है।
जांच में सामने आया है कि आरोपी मोबाइल नंबर और वाहन नंबर के जरिए लोगों की निजी जानकारी हासिल करते थे। इसके बाद वे कॉल फॉरवर्डिंग, एसएमएस फॉरवर्डिंग और जीमेल एक्सेस जैसे तकनीकी हथकंडों से पीड़ितों के फोन को पूरी तरह कंट्रोल कर लेते थे। इसके जरिए ओटीपी प्राप्त कर वे उनके बैंक खातों में सेंध लगाते और फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस के जरिए महंगे मोबाइल फोन खरीदकर उन्हें ब्लैक में बेच देते थे।
भाईंदर पुलिस ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और नवी मुंबई में छापेमारी कर कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में रिंकू कुमार बैरवा (अलवर), कौस्तुभ जाधव (नवी मुंबई), मित भानुशाली (भाईंदर), पुष्पेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश), देव यादव (दिल्ली) और रमित शेख (भिवंडी) शामिल हैं।
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छापेमारी के दौरान पुलिस ने 107 मोबाइल फोन, 4 लाख रुपये नकद और 50 लाख रुपये से ज्यादा का कीमती सामान जब्त किया है। मुख्य आरोपी हार्डी उर्फ प्रिंस कमलेश को 6 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में जाल बिछाकर गिरफ्तार किया गया।
डीसीपी राहुल वहाण ने बताया कि जांच की शुरुआत तब हुई जब एपीआई संजय शिपने और बीट मार्शल रविंद्र वाप ने संदिग्ध स्थिति में रिंकू कुमार को पकड़ा। उसके पास 11 मोबाइल फोन बरामद हुए। पूछताछ में पता चला कि उसने एक व्यक्ति के खाते से 4.77 लाख रुपये की ऑनलाइन शॉपिंग की थी।
पुलिस ने फ्लिपकार्ट के डिलीवरी पार्टनर जयवत नामदेव मट्टे की शिकायत पर मामला दर्ज किया। डीसीपी चव्हाण के आदेश पर विशेष जांच टीम बनाई गई जिसने ठगी के इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह गिरोह देशभर में सैकड़ों लोगों को निशाना बना चुका है। पुलिस अब अन्य राज्यों में भी इसकी जड़ें खंगाल रही है।