(डिज़ाइन फोटो)
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे कि एक खबर के अनुसार यहां पुलिस ने सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव मिलने के बाद हत्या का मामला दर्ज किया है। मामले पर पुलिस ने आज बताया कि बीते गुरुवार को भिवंडी के घोड़पाड़ा इलाके में एक राहगीर ने शव देखकर पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति की उम्र 40 वर्ष के करीब है और उसकी गला घोंटकर हत्या की गई।
पुलिस ने फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103-1 (हत्या) और 238 (साक्ष्य मिटाने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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ठाणे जिले में अपराध की बात करें तो बीते गुरुवार को ही यहां की एक सत्र अदालत ने सात साल पहले एक व्यक्ति की हत्या का प्रयास करने के मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित एम. शेते ने दो सितंबर के अपने आदेश में पर्याप्त सबूत नहीं होने का हवाला देते हुए आरोपियों को राहत दी।
इस बाबत अतिरिक्त लोक अभियोजक संजय मोरे ने अदालत को बताया कि मार्च 2017 में कैब चालक ने चार व्यक्तियों को मुंब्रा तक ले जाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उस पर हमला किया और उसका अपहरण कर लिया। चालक लगभग दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती था। पुलिस ने आरोपियों की पहचान रवि किशन तिवारी (28), राजकुमार लोभाजी डोले (27), मोन्नू उर्फ विशाल महेशप्रसाद सरोज (29) और अक्षय उर्फ राजेश उगवेकर के रूप में की थी।
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उगवेकर की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। बचाव पक्ष के वकील रामराव जगताप ने दलील दी कि आरोपियों का कथित अपराध से कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें बरी कर दिया जाना चाहिए। इस बाबत न्यायाधीश शेते ने पुलिस की प्रक्रियागत खामियों की ओर इशारा किया और कहा कि गिरफ्तारी ठोस सबूतों के बजाय संदेह के आधार पर की गई थी। उन्होंने कहा कि लूटपाट की कथित घटना से संबंधित कोई भी आपत्तिजनक सामान उनके पास से बरामद नहीं हुआ। अदालत ने उन्हें बरी करते हुए कहा था कि वे संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।