भिवंडी महानगरपालिका (pic credit; social media)
Bhiwandi Municipal Corporation: भिवंडी मनपा ने हाल ही में एक ऐसा निर्णय लिया है जिसने नागरिकों और कर्मचारियों दोनों को चौंका दिया है। प्रभाग समिति में कार्यरत लिपिक समीर जवरे को शहर विकास विभाग का प्रभारी और विभाग प्रमुख बना दिया गया है। यह पद सामान्यतः इंजीनियर या डिप्लोमा धारक अधिकारी के लिए आरक्षित होता है। लेकिन मनपा उपायुक्त विक्रम दराडे ने प्रशासक और मनपा आयुक्त अनमोल सागर की मंजूरी से इसे लिपिक को सौंप दिया।
शहर विकास विभाग अवैध निर्माण, जर्जर इमारतों के निष्कासन और निर्माण नियमों के पालन की जिम्मेदारी संभालता है। ऐसे संवेदनशील पद पर लिपिक की नियुक्ति से नागरिकों में नाराजगी फैली है। लोगों का कहना है कि यह निर्णय मनपा प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है।
मनपा के सूत्रों के अनुसार, हालिया तबादला सूची में 13 अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। समीर जवरे को यह जिम्मेदारी देने के साथ ही अन्य विभागों में भी कई जिम्मेदारियां वितरित की गई हैं। उदाहरण के लिए, मिलिंद पलसुले को क्रीड़ा विभाग का प्रभारी और समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
स्थानीय कर्मचारी और विशेषज्ञ इस फैसले पर हैरान हैं। उनका कहना है कि लिपिक के पास तकनीकी और प्रशासनिक अनुभव की कमी विभाग की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है। अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय नियमों की अनदेखी और असंगत प्रशासनिक प्रक्रिया का उदाहरण है।
भिवंडी मनपा उपायुक्त विक्रम दराडे और आयुक्त अनमोल सागर ने इस कदम को “विशेष परिस्थितियों के तहत निर्णय” बताया है। लेकिन नागरिकों और पत्रकारों का कहना है कि यह शहर के विकास और सरकारी नियमों के पालन के लिए चिंताजनक संकेत है।
इस नियुक्ति के बाद शहर में अवैध निर्माण और जर्जर इमारतों की निगरानी में असर पड़ने की संभावना है। नागरिक अब यह देख रहे हैं कि प्रशासन किस हद तक नियमों का पालन करता है और क्या शहर के विकास में इस फैसले का सकारात्मक असर होगा।