(डिजाइन फोटो)
भायंदर: एक तरफ प्रकृति के अहम पंचमहाभूत भूमि, जल, वायु, अग्नि व आकाश और पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन हेतु “मेरी वसुंधरा हरित” की शपथ ली जाती है। इसके लिए बड़े बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं। वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ, धरती बचाओ, का नारा देकर वृक्षारोपण के लिए जन जागरूकता की मुहिम चलाई जा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ भायंदर पश्चिम के कोपरा गांव के पास एक निजी भूखंड के 50 वर्ष पुराने 400 से अधिक वृक्षों को जहर देकर हत्या करने, बिना मनपा की अनुमति के कटाई करने और अवैध रूप से मिट्टी की भरनी कर भूखंड को सपाट किए जाने का मामला सामने आया है। इससे पर्यावरण प्रेमियों में रोष और नाराजगी देखी जा रही है। इतना ही नही तो इस संबंध में पर्यावरण प्रेमी एनजीओ ने अप्रैल माह में ही इसकी शिकायत मनपा प्रशासन से की थी, लेकिन आश्चर्य की बात है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
बता दें कि भायंदर पश्चिम में उत्तन रोड पर डोंगरी गांव से पहले घने जंगलों से घिरा कोपरा गांव है। इस गांव के आसपास का एक बड़े भूभाग का क्षेत्र सरकार की मालिकी का है तो वहीं कुछ भू भाग निजी मालिकों का भी है। जिसमें सर्वे क्रमांक 11 व हिस्सा क्रमांक 3, 4, 5, 10, 11, सर्वे क्रमांक 16/1/1 और 17 की करीब 6 एकड़ भूखंड डॉ. राजेश कोराडिया व उनके परिवार के नाम पर है। इस भूखंड पर उगे करीब 50 वर्ष पुराने 400 वृक्षों की बिना अनुमति लिए अवैध रूप से काट कर उस भूखंड पर मिट्टी की भरनी की गई और वहां अयान फॉम का बोर्ड लगा दिया गया है,ऐसा आरोप और शिकायत पर्यावरण प्रेमियों ने किया है।
पर्यावरण प्रेमी संस्था द्वारा शिकायत किए जाने के बाद मनपा के उद्यान विभाग के अधिकारियों ने उक्त स्थल पर जाकर जांच भी की थी। जांच में पाया गया की बिना मनपा के अनुमति के ही वहां वृक्षों की कटाई की गई है। निजी निर्माण कार्य के लिए यह कार्य किया जाना भी स्पष्ट हुआ था, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। संस्था के अध्यक्ष हर्षद ढगे ने संबंधित दोषियों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण नियम अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है।
विगत तीन माह से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता और मनपा कर्मचारियों की चुनाव प्रक्रिया में व्यस्तता होने के कारण स्थल जांच के बाद प्रत्यक्ष में कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन अब कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात उद्यान विभाग के अधिकारियों ने कही है। वहीं इस संबंध में उद्यान विभाग के अतिरिक्त आयुक्त अनिकेत मानोरकर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, संबंधित विभाग से इसका स्पष्टीकरण वे मांगेंगे।