स्लम पुनर्वास प्राधिकरण
मुंबई. स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए), झोपड़पट्टियों में रहने वालों के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए काम करता है। एसआरए योजना के तहत जब झोपड़पट्टी की जगह बिल्डिंग का निर्माण किया जाता है, उस वक्त योजना में पात्र झोपड़ी धारकों को किराया देना अनिवार्य होता है। लेकिन कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि बिल्डरस शुरुआत में किराया देते है, लेकिन कुछ समय बाद किराया देना बंद कर देते है। इसलिए प्राधिकरण ने किराया वसूली को लेकर अभियान शुरू किया था, जिसके तहत 25 नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए थे।
साथ ही एसआरए ने परिपत्र 210 जारी किया था, जिसके तहत डेवलपर को नई परियोजनाएं स्वीकार करते समय 2 साल का अग्रिम किराया चेक (डीडी) और तीसरे वर्ष का पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) जमा करना अनिवार्य कर दिया गया था।
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यही वजह है कि जुलाई 2023- 24 के बीच इस योजना के तहत 700 करोड़ से अधिक किराया एकत्र किया गया है। उसके माध्यम से झुग्गीवासियों को प्राधिकरण के माध्यम से किराये का वितरण किया जा रहा है। साथ ही किराया नहीं देने वाले डेवलपर के खिलाफ भी प्राधिकरण धारा 13(2) के तहत डेवलपर को हटाने की कार्रवाई कर रहा है।
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एसआरए ने झोपड़ीधारकों को किराया नहीं मिलने पर शिकायत करने का ऑनलाइन विकल्प दिया है। कुछ दिनों पहले ही इसकी शुरुआत की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, योजना में बकाया किराये की समीक्षा के लिए प्राधिकरण ने सरकार की सूची में प्रमाणित लेखा परीक्षकों को अधिकृत किया है और उनके माध्यम से संगठन में जाकर बकाया किराये की समीक्षा की जा रही है।