मुंबई: पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने मीठी नदी गाद निकासी घोटाले के सिलसिले में मंगलवार को 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मंगलवार को आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी अभियान भी शुरू किया गया। इनमें ठेकेदार, बिचौलिये और अधिकारी शामिल हैं।
बता दें कि मीठी नदी, मुबंई की एक महत्वपूर्ण जलधारा है। लंबे समय से यह सफाई और पुनर्विकास से जुड़ी परियोजनाओं का हिस्सा रही है. हालांकि, इस सफाई अभियान में बड़े पैमाने पर घोटाले की आशंका जताई जा रही थी। इसी कड़ी में ईओडब्ल्यू ने बीएमसी से सफाई वीडियो, फोटो की जानकारी मांगी, ताकि अनियमितताओं के बारे में पता लगाया जा सके।
13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
एक अधिकारी ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के अधिकारियों की एसआईटी उस घोटाले की जांच कर रही थी. जांच में सामने आया कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। एसआईटी ने पांच ठेकेदारों, तीन बिचौलियों और दो कंपनी अधिकारियों सहित कुल 13 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू
अधिकारी ने यह भी बताया कि एसआईटी ने मंगलवार सुबह आरोपियों के आवास और कार्यालय परिसरों सहित कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की। मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने फरवरी माह में मीठी नदी गाद निकासी परियोजना में कथित अनियमितताओं और धन की हेराफेरी की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
मीठी नदी परियोजना में 1,100 करोड़ की थी हेराफेरी
प्रारंभिक शिकायत के अनुसार, ठेकों में 1,100 करोड़ रुपये की अनियमितताएं भी मिली। अधिकारी ने बताया कि एसआईटी वर्ष 2005 से 2023 के बीच दिए गए गाद निकासी नदी से कीचड़ हटाने एवं सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्यों के सभी अनुबंधों की जांच कर रही है। अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि वर्ष 2005 से अब तक 18 ठेकेदारों ने इस परियोजना में भाग लिया है।