शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, राहुल गांधी (pic credit; social media)
2008 Malegaon Blast Verdict: एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में फैसला सुनाते हुए प्रज्ञा साध्वी सिंह ठाकुर समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। एनआईए की विशेष कोर्ट ने कहा, “हमने एडीजी एटीएस को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में विस्फोटक रखने के मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया है।”
इस फैसले के बाद शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह फैसला कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है। उन्होंने पार्टी से उसके ‘भगवा आतंकवाद’ वाले बयान के लिए माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के साथ ही हिंदुत्व के सिद्धांतों और बाल ठाकरे के आदर्शों को त्यागने के लिए शिवसेना (उबाठा) पर भी निशाना साधा।
मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की मौत हो जाने के लगभग 17 साल बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पर्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सातों आरोपियों को गुरुवार (31 जुलाई) को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं’ है।
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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के मामलों की सुनवाई के लिए यहां नियुक्त विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने अभियोजन पक्ष के मामले और जांच में कई खामियों को उजागर किया और कहा कि आरोपी व्यक्ति संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। शिंदे ने कहा, ‘‘प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित और अन्य के खिलाफ गलत मामला दर्ज किया गया। ऐसा क्यों हुआ? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद देखा और इसे छिपाने के लिए कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद का ढिंढोरा पीटना शुरू किया।”
श्रीकांत शिंदे ने कहा कि 17 साल बाद अदालत ने उन्हें (आरोपियों को) बरी कर दिया। यह कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है और उसे माफी मांगनी चाहिए।” ठाणे की कल्याण सीट से लोकसभा सदस्य ने कहा कि विस्फोट के समय कांग्रेस सत्ता में थी और अब शिवसेना (उबाठा) ने उसके साथ गठबंधन कर लिया है। शिंदे ने कहा, ‘‘आज भी शिवसेना (उबाठा) कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोल सकती, क्यूंकि वह गठबंधन में हैं। कांग्रेस की तरह शिवसेना (उबाठा) को भी माफी मांगनी चाहिए।”