शरद पवार (सोर्स: एएनआई)
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर जोरदार हमला बोला। धुले जिले के शिंदखेडा में किसानों की सभा को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि मौजूदा सरकारों की किसानों में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस दौरान उन्होंने किसानों से आगामी विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को समर्थन देने और राज्य का चेहरा बदलने की अपील की।
शरद पवार ने कहा कि शिंदखेड़ा मेहनतकश किसानों का इलाका है। किसान काली माता के प्रति आस्था रखने, उत्पादन प्राप्त करने, दुनिया चलाने और समाज को देने का काम किसान करते हैं। लेकिन मौजूदा शासकों की कृषि में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी नीतियां कृषि के हित में नहीं हैं। पीएम मोदी की सरकार में प्याज की निर्यात बंदी करके नासिक, पुणे, सतारा के किसानों को मुश्किलों में डाला।
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शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि देश में गन्ने का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है लेकिन गन्ने को उचित दाम नहीं मिलता है, क्योंकि सरकार किसान विरोधी है। उन्होंने आगे कहा कि मैं दस वर्षों तक कृषि विभाग का प्रभारी था। यह अन्नदाता किसानों का देश, ये देश पहले गेहूं आयात कर रहा था, लेकिन हमारे नेतृत्व में निर्यातक देश बन गया, किसान के सिर पर कर्ज था, किसान आत्महत्या कर रहे थे और दिल्ली ने कर्ज माफ करने का निर्णय लिया, लेकिन मौजूदा सरकार किसान विरोधी। इसे चुनाव में हैसियत दिखा देंगे।
उन्होंने कहा कि शिंदखेड़ा तहसील में सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। यहां एक तरह की गुंडागर्दी चल रही है। हेमंत देशमुख जैसे नेता को जेल में डाला गया। यह सत्ता का अहंकार है। पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार लोगों की सेवा के लिए है, सत्ता की गर्मी कुछ लोगों के सिर चढ़ गई है। सत्ता के उन्माद को इस चुनाव में अपनी हैसियत दिखानी हैं।
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इस दौरान शरद पवार ने राज्य की महायुति सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन (लाडली बहन) योजना के मार्फत बहनों (महिलाओं) को 1500 रुपए दे रही है। लेकिन उनकी सुरक्षा और इज्जत की रक्षा का क्या? सरकार का इस ओर ध्यान ही नहीं है।