निकाय चुनावों में बीजेपी को संघ का साथ
नागपुर: लोकसभा चुनाव में भाजपा के आला नेता के एक बयान के चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने हाथ खींच लिये थे जिससे भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पायी थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में संघ के साथ ने भारी जीत दिलाई। अब संघ ने आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में भी भाजपा का साथ देने का निर्णय लिया है।
घर-घर मुलाकात अभियान
रविवार को रेशिमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में भाजपा व संघ के पदाधिकारियों की समन्वय बैठक हुई। मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में स्थानीय निकाय चुनाव के प्रचार के लिए मिलने वाले 90 दिनों में प्रत्यक्ष घर-घर मुलाकात का अभियान चलाया जाएगा। संघ के विविध संगठन व भाजपा समन्वय के साथ यह कार्य करेंगे। इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी संगठनात्मक कार्यों व केन्द्र व राज्य सरकार की विविध जनहितकारी योजनाओं की जानकारी रखी।
प्रसार-प्रचार का टारगेट
संघ ने बीते 5 वर्षों में किए गए अपने सर्वेक्षण और उसके अनुसार किए गए नियोजन पर प्रकाश डाला। वहीं भाजपा नेताओं ने क्या करना है, इस संदर्भ में मार्गदर्शन किया। गडकरी ने संघ व भाजपा की स्थापना से लेकर उसके आज वटवृक्ष बनने तक की यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि कोई यह नहीं समझे कि उसके कारण पार्टी टिकी हुई है। अनेक कार्यकर्ताओं ने लाठियां खाकर व अपना सर्वस्व न्योछावर कर संगठन को मजबूत बनाया है। उन्होंने कहा कि जिस कार्यकर्ता को जो जिम्मेदारी सौंपी जाए वह उसे पूरी ईमानदारी से निभाए।
फडणवीस ने कहा कि चुनाव के दौरान संघ व बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच पूरा समन्वय होगा और इसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने संघ पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों के सवालों व शिकायतों के भी जवाब दिए। वे बैठक में लगभग 4 घंटे से अधिक रहे। बावनकुले ने संगठन विस्तार की प्रक्रिया की जानकारी बैठक में रखी। विदर्भभर से विधायक कृष्णा खोपड़े, प्रवीण दटके, राजू तोडसाम, राज्यमंत्री पंकज भोयर, संजय कुटे, किशोर जोरगेवार, सुधीर मुनगंटीवार, समीर कुणावार, डॉ. नरोटी, मंत्री अशोक उईके, सुमित वानखेडे, मंत्री आकाश फुंडकर, हंसराज अहीर, विकास महात्मे, संजय भेंडे, आशीष देशमुख सहित 44 प्रतिनिधि और आरएसएस से दीपक तामशेट्टीवर, राम हरकरे, अतुल मोघे सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
संघ ने कमियां भी गिनाईं
बैठक में जहां संघ की ओर से केन्द्र व राज्य सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना की गई वहीं कमियां गिनाने में कमी नहीं रखी। विविध समाजों, जाति या धर्मों के बीच तनाव फैलाने वाले विवादास्पद बयानों से बचने की सलाह नेताओं को दी गई। यह भी कहा कि नेता, मंत्री के समीप इतनी भीड़ हो जाती है कि उनसे मिलने में भाजपा व संघ के कार्यकर्ताओं को ही मशक्कत करनी पड़ती है। पार्टी में आयातित लोगों को अधिक महत्व देने की बजाय विचारधारा को भी ध्यान में रखने की सलाह दी गई। संघ के जनहित के कार्यों में भाजपा कार्यकर्ताओं का सहयोग बढ़ाने की अपेक्षा व्यक्त की गई। केवल वाहवाही सुनने या सुनाने में व्यस्त रहने की बजाय योजनाओं के अमल में ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी गई। संघ के विदर्भ के 32 संगठनों के प्रमुख बैठक में उपस्थित थे। इन संगठनों के विविध प्रकल्प राज्य सरकार के समन्वय से शुरू रहते हैं। आगामी समय के लिए विविध कार्यक्रमों का नियोजन व उसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद के संदर्भ में भी बैठक में मंथन किया गया।