पुणे जिला परिषद (pic credit; social media)
Maharashtra News: पुणे जिला परिषद ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत विधवा, तलाकशुदा, अलग रह रही और अविवाहित महिलाओं के सम्मान और समानता सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन पाटिल ने इस अभियान का शुभारंभ ग्रामीण क्षेत्रों की तीन एकल महिलाओं—पुष्पा खेडेकर, सुरेखा चव्हाण और जयश्री वाघमारे—के साथ तिरंगा फहराकर किया। इस मौके पर जिले की कई ग्राम पंचायतों ने भी एकल महिलाओं को ध्वजारोहण का सम्मान देकर एक मिसाल कायम की।
पाटिल ने कहा कि यह पहल इसलिए आवश्यक है क्योंकि समाज में एकल महिलाएं सबसे कम प्रतिनिधित्व और उपेक्षित वर्गों में गिनी जाती हैं। लंबे समय से विधवा और अविवाहित महिलाओं को प्रतिगामी प्रथाओं का शिकार होना पड़ा है—उनकी सामाजिक पहचान छीन ली जाती है और उन्हें धार्मिक-सामाजिक आयोजनों से अलग कर दिया जाता है। जिला परिषद ने ऐसी कुप्रथाओं को समाप्त कर सम्मान और अधिकार बहाल करने का संकल्प लिया है।
इसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाएं अपनी इच्छा से कुमकुम, मंगलसूत्र या चूड़ी पहन सकें और हर सामाजिक-धार्मिक आयोजन में शामिल हों। इसके अलावा जिला परिषद छह महीने का जागरूकता और प्रशासनिक अभियान चलाएगी, ताकि सभी अकेली महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। इस अभियान में कानूनी सहायता, कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
साथ ही, महिलाओं की आजीविका को मजबूत करने के लिए जिला परिषद स्थानीय स्तर पर उनके उत्पादों को बाजार से जोड़ने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर काम करेगी। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता दिलाएगी, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान और समानता भी प्रदान करेगी।