पिंपरी: तत्कालीन महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. श्रीकर परदेशी द्वारा शुरू की गई सारथी हेल्पलाइन (Sarathi Helpline) को सक्षम बनाने के लिए पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के वर्तमान कमिश्नर और प्रशासक शेखर सिंह (Commissioner Shekhar Singh) ने पहल की है। अब से रथ के विरुद्ध शिकायतों (Complaints) का निस्तारण समय पर किया जाए। एक समीक्षा बैठक में कमिश्नर सिंह ने फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि शिकायत को 15 दिन से अधिक समय तक लंबित रखा जाता है, तो विभाग के प्रमुख को जवाब होगा कि शिकायत को लंबित क्यों रखा गया है।
महानगरपालिका द्वारा आम नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों के निराकरण के लिए शुरू की गई सारथी हेल्पलाइन को मिली शिकायतों की विभिन्न विभागों के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। इससे नागरिकों की शिकायतों का निवारण नहीं हो रहा है और सारथी के खिलाफ ही शिकायतों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। नतीजन प्रशासन पर नागरिकों का गुस्सा फूटना शुरू हो गया है।
सारथी के खिलाफ शिकायतों को महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक शेखर सिंह ने गंभीरता से लिया है। सिंह ने विभाग के उन सभी अधिकारियों को फटकार लगाई, जो सारथी के बारे में शिकायतों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्हें चेताया कि यदि शिकायत 15 दिनों से अधिक समय से लंबित है, तो संबंधित विभाग को कारण बताना होगा।
तत्कालीन महानगरपालिक कमिश्नर डॉ. श्रीकर परदेशी ने सारथी हेल्पलाइन की शुरुआत 15 अगस्त 2013 को की थी। सारथी हेल्पलाइन के शुरू होने के साथ ही राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिनिधिमंडलों ने सारथी हेल्पलाइन का निरीक्षण किया और सराहना की। हालांकि, डॉ. परदेशी के बाद हर कमिश्नर ने इस हेल्पलाइन की अनदेखी की। कमिश्नर के रूप में शामिल होते ही सिंह ने सारथी हेल्पलाइन पर फिर से ध्यान देने का वादा किया था। इसी के तहत उन्होंने हाल ही में सारथी हेल्पलाइन के कामकाज और महानगरपालिका में शिकायतों की समीक्षा की।
इस समीक्षा बैठक में उन्होंने फटकारते हुए कहा कि विभिन्न विभाग और संबंधित अधिकारी शिकायतों की अनदेखी कर रहे हैं। पता चला कि छोटी-छोटी शिकायतें भी 40 से 45 दिनों से लंबित हैं। इससे नाराज कमिश्नर सिंह ने अधिकारियों को फटकार लगाई। महीने के पहले और तीसरे मंगलवार को समीक्षा बैठक होगी। प्रत्येक विभाग को हेल्पलाइन पर शिकायतों के निवारण के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त करना होता है।
साथ ही पहले नागरिकों के पास सारथी हेल्पलाइन पर शिकायत करने के लिए केवल डेढ़ मिनट का समय था। इसलिए यदि कोई बड़ी शिकायत दर्ज करनी होती तो शिकायतकर्ताओं को आधे मिनट के भीतर शिकायत दर्ज कराने में परेशानी होती। उसी में फोन बीच में ही कट जाता था। इसलिए अब कॉल का समय डेढ़ मिनट के बजाय पांच मिनट कर दिया गया है।