फाइल फोटो (सोर्स: एएनआई)
पुणे: महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने पिछले महीने पुणे में विरोध प्रदर्शन किया था, क्योंकि भारतीय बैंकिंग कार्मिक चयन (आईबीपीएस) परीक्षा और महाराष्ट्र राजपत्रित सिविल सेवा संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा की तिथियां एक दूसरे से टकरा रही थीं। दोनों परीक्षाएं 25 अगस्त को निर्धारित थीं। इस मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने मुख्यमंत्री से अभ्यर्थियों की समस्या हल करने की मांग की है।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) के अभ्यर्थियों की मांगों का समाधान करने के लिए एक बैठक बुलाने का आग्रह किया है।
शरद पवार सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि ”राज्य में बड़ी संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षा दे रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षा में होने वाली देरी और उससे छात्रों में होने वाले असंतोष से निजात पाने का रास्ता खोजना जरूरी है। छात्रों में असंतोष और कुछ दिन पहले हुए आंदोलन को देखते हुए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर उनकी जायज मांगों को पूरा करने और जल्द से जल्द प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने की मांग की है।”
राज्यात स्पर्धा परीक्षा देणारा विद्यार्थी वर्ग हा मोठ्या प्रमाणावर आहे. स्पर्धा परीक्षेत होणारा विलंब, त्यातून विद्यार्थ्यांमध्ये झालेला असंतोष यात मार्ग काढणे अत्यावश्यक आहे. विद्यार्थ्यांमधील असंतोष आणि काही दिवसापूर्वी झालेल्या आंदोलनाच्या पार्श्वभूमीवर त्यांच्या रास्त मागण्या… pic.twitter.com/Yjen7OLtb6
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) September 16, 2024
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शरद पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें अभी तक मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिला है। इन अभ्यर्थियों ने पिछले महीने पुणे में विरोध प्रदर्शन किया था, क्योंकि भारतीय बैंकिंग कार्मिक चयन (आईबीपीएस) परीक्षा और महाराष्ट्र राजपत्रित सिविल सेवा संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा की तिथियां एक दूसरे से टकरा रही थीं। दोनों परीक्षाएं 25 अगस्त को निर्धारित थीं।
अभ्यर्थियों ने महाराष्ट्र राजपत्रित सिविल सेवा संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने कृषि विभाग के 258 पदों को भी नवीनतम एमपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के दायरे में लाने की मांग की थी। उस समय पवार ने कहा था कि अगर सरकार इस मुद्दे को हल करने में विफल रही, तो वह आंदोलन में शामिल होंगे।
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एमपीएससी ने बाद में परीक्षा स्थगित कर दी थी और कहा था कि वह जल्द ही नई तारीखों की घोषणा करेगा। पवार ने पत्र में कहा कि नई तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है और कृषि विभाग के 258 पदों के बारे में भी निर्णय लिया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इन मुद्दों पर जल्द ही निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता की घोषणा हो सकती है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)