पिंपरी: ढोल-ताशा की गूंज, ‘भारत माता की जय, जय श्री राम, छत्रपति शिवाजी महाराज की जय, मैं सावरकर, मैं भी सावरकर…’ के नारों और करीबन 37 हजार लोगों की साक्ष्य के साथ भोसरी विधानसभा क्षेत्र में राज्य की अब तक की सबसे बड़ी सावरकर गौरव यात्रा (Savarkar Gaurav Yatra ) संपन्न हुई। स्वतंत्रता नायक विनायक दामोदर सावरकर के सम्मान में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन (BJP-Shiv Sena Alliance) की पहल पर पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में सावरकर गौरव यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। भोसरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और बीजेपी नगर अध्यक्ष महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) की पहल पर बीती शाम भव्य शोभायात्रा निकाली गई
इस गौरव यात्रा की शुरुआत भोसरी पीएमटी चौक स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के पास से हुई। वहां से दिघी रोड, हरिओम स्वीट, आलंदी रोड से होते हुए स्व. अंकुशराव लांडगे थियेटर में यात्रा का समापन हुआ। इसमें चिंचवड की विधायक अश्विनी जगताप, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेमंत हरहरे, पूर्व महापौर राहुल जाधव, नितीन कालजे, पूर्व सदन नेता एकनाथ पवार, गोरक्षक शिवशंकर स्वामी, स्थायी समिति के पूर्व सभापति विलास मडिगेरी, नितीन लांडगे, संतोष लोंढे के साथ बीजेपी- शिवसेना महायुति के नेता, पदाधिकारी, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के साथ बीजेपी परिवार की सभी संस्था, संगठनों के पदाधिकारी, प्रतिनिधी और नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
पिछले 15 दिनों से सावरकर गौरव यात्रा की तैयारी चल रही थी। भोसरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में महानगरपालिका वार्ड के अनुसार, सावरकर-प्रेमी नागरिकों से यात्रा में भाग लेने की अपील की गई थी। इस कारण यात्रा में काफी भीड़ थी। पुलिस प्रशासन की सटीक प्लानिंग से यात्रा निर्बाध व सफल रही। यात्रा में सावरकर-प्रेमी नागरिकों और हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। भारत माता की जय, जय श्री राम, वन्दे मातरम, वीर सरकार की जीत हो, जो हिन्दू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा..! जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। ढोल ताशा की थाप, सिर पर सावरकर की टोपियां, हाथों में ‘मैं सावरकर’ लिखी तख्तियां, ‘मैं सावरकर’ लिखी भगवा टोपियां, महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति, वीर सावरकर के रूप में सजे व्यक्ति के साथ सेल्फी का आनंद, भगवा ध्वज फहराते समय कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
इस यात्रा से भोसरी और उसके आसपास का इलाका सचमुच भगवा रंग का हो गया था। सजा के लिए अंडमान ले जाते समय सावरकर के समुद्र में कूदने की झांकी नागरिकों का ध्यान खींच रहा था। प्रभु श्रीराम और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के चित्ररथ, कमल के प्रतिरूप में रखी वीर सावरकर के स्मारक ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।