पिंपरी: दोफाड़ के बाद शिवसैनिकों (Shiv Sainiks) में जान फूंकने में जुटे शिवसेना (Shiv Sena) नेताओं द्वारा राज्य भर में कार्यकर्ताओं से संवाद साधा जा रहा है। इस कड़ी में पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) के निगड़ी में निष्ठावान शिवसैनिकों की एक बैठक हुई। इसमें पार्टी के पुणे जिला संपर्क प्रमुख और विधायक सचिन अहिर (MLA Sachin Ahir) ने आरोप लगाया कि हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र का सफल नेतृत्व कर रहे थे। वे ऐसे ही सफल रहे तो आगे चलकर देश का नेतृत्व भी कर सकेंगे। इस भय से बीजेपी ने तोड़फोड़ की साजिश रची। अपने संबोधन में अहिर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मावल के सासंद श्रीरंग बारणे पर निशाना साधा।
इस बैठक में विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोऱ्हे, सह संपर्क प्रमुख आदित्य शिरोडकर, शहर प्रमुख एड. सचिन भोसले, उपजिलाप्रमुख निलेश मुटके, शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र की महिला संगठक सुलभा उबाले, मजदूर नेता इरफान सय्यद, मनपा में शिवसेना के पूर्व गुटनेता राहुल कलाटे, चिंचवड विधानसभा प्रमुख अनंत कोऱ्हाले, भोसरी विधानसभा प्रमुख धनंजय आल्हाट, आशा भालेकर, भाविक देशमुख, तुषार नवले, पांडुरंग पाटील, अमोल निकम, अनिल सोमवंशी, रोमी संधू, विभाग प्रमुख दीपक कांबले, खंडू शिरसाठ, अनिल पारचा, प्रदीप आहूजा आदि के साथ शिवसेना के पदाधिकारी, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सचिन अहिर ने कहा कि लोग देख रहे हैं कि राज्य में क्या हो रहा है। जनता देख सकती है कि कौन किसे चिट कर रहा है, कौन माइक खींच रहा है। आगामी चुनाव में शिवसेना में बगावत करने वालों को जनता जवाब देगी। फिर ये विधायक, सांसद शिवसेना में लौटेंगे, लेकिन उस समय शिवसेना के दरवाजे बंद रहेंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल द्वारा दिए गए बयान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आप और कितने दिन अपने दिल पर पत्थर रखने जा रहे हैं, सभी जानते हैं कि यह सरकार कब तक चलेगी।
शिंदे समूह में शामिल होने वाले सांसद श्रीरंग बारणे के बारे में विधायक अहिर ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से आए श्रीरंग बारणे को सम्मानित किया, सांसद बनाया। मोदी लहर में यहां किसी को भी टिकट दिया जा सकता था. लेकिन हमनें बारणे को दे दिया। उन्हें ऐसे समय में ठाकरे के साथ रहना चाहिए था जब सब उन्हें छोड़ रहे थे। हालांकि वे अपने ही सांसद पद को बचाने के लिए शिंदे समूह में शामिल हुए हैं। हमने मावल सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को देने का साफ तौर पर विरोध किया था। हमने यह कहने का काम किया कि मावल की सीट हमारी है, रिकॉर्ड चेक कर लीजिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बारणे ने उद्धव ठाकरे के साथ छोड़ दिया। उन्होंने सच बोला कि वे अपने सांसद पद को बचाने चले गए। कई भटके हुए कार्यकर्ता वापस आएंगे, लेकिन नेता, विधायक नहीं आएंगे।