
पुणे पुलिस कमिश्नर कार्यालय (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune Anti-Narcotics Cell Officials Transferred: पुणे क्राइम ब्रांच की दोनों नारकोटिक्स (एंटी नारकोटिक्स सेल) टीमों के सभी कर्मचारियों का एक साथ ट्रांसफर कर दिया है। ट्रांसफर का कारण प्रशासनिक बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस बल के भीतर इन ट्रांसफर को लेकर अलग तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
कहा जा रहा है कि दोनों टीमों के दुलमूल प्रदर्शन के साथ-साथ कुछ वित्तीय अनियमितता से संबंधित बातें सीधे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के कार्यालय तक पहुंची थीं। इस बीच कर्मचारियों के ट्रांसफर के बाद अब वहां काम कर रहे अधिकारियों के भी ट्रांसफर की संभावना जताई जा रही है।
पुणे शहर में हो रही नशीले पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने की मुख्य जिम्मेदारी इन दोनों नारकोटिक्स टीमों पर है। इन टीमों में 30 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे। दूसरी ओर, नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार का रुख काफी सख्त रहा है।
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पिछले कुछ महीनों से शहर में गांजा, मेफेड्रोन और अन्य नशीले पदार्थों की आवक बड़े पैमाने पर बढ़ी है। इस शहर के कॉलेज परिसरों, होस्टल और पॉश इलाको में ड्रग्स का जाल तेजी से फैल रहा है। इसे देखते हुए एंटी नारकोटक्स सेल की टीमों पर जिम्मेदारी और भी अधिक थी।
क्राइम ब्रांच में नशीले पदार्थ विरोधी दो अलग टीमें हैं, जिनके जरिए केवल नशीले पदार्थों से संबंधित कार्रवाई की जाती है। लेकिन धीमी कार्रवाइयां और वर्षों से एक ही टीम में कार्यरत कर्मचारियों के ‘संपर्क बढ़ने’ की कानाफूसी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने इसमें हस्तक्षेप किया और यह बदलाव किया है। माना जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने नशीले पदार्थ विरोधी कार्रवाइयों को नई ताकत देने के लिए एक नई टीम बनाने की योजना शुरू कर दी है।






