पुणे नगर आयुक्त डॉ राजेंद्र भोसले (सौजन्य-एक्स)
पुणे: पुणे जिले में गुलियन-बैरे सिंड्रोम का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच प्रशासन भी अलर्ट हो गया है और घर-घर सर्वे कर रहा है क्योंकि इस सिंड्रोम का असर नवजात शिशु से लेकर 60 साल से अधिक के बुजुर्गों में भी देखा गया है।
पुणे जिले में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों पर, पुणे नगर आयुक्त डॉ राजेंद्र भोसले ने इस सिंड्रोम के बारे में जानकारी दी। नगर आयुक्त ने बताया कि इस समय पुणे के नगर निगम क्षेत्र में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के 64 मरीज पाए गए है। कुछ को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा है लेकिन कुछ मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
पुणे नगर आयुक्त डॉ राजेंद्र भोसले ने कहा, “वर्तमान में, पुणे नगर निगम क्षेत्र में लगभग 64 मरीज हैं। इनमें से 13 वेंटिलेटर पर हैं…5 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। हम जीबीएस से प्रभावित मरीजों को मुफ्त इलाज देंगे। जो लोग गरीब हैं और इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, उनके लिए हमारे पास एक योजना है।”
#WATCH | Maharashtra | On cases of Guillain-Barre Syndrome (GBS) reported in the Pune district, Dr Rajendra Bhosale, Pune Municipal Commissioner says, "At present, there are almost 64 patients in the Pune Municipal cooperation area. Out of that 13 are on ventilators…5 patients… pic.twitter.com/Wek8J8pFA7 — ANI (@ANI) January 27, 2025
इससे पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र और भारत के सभी नागरिकों को शुभकामनाएं दी और महाराष्ट्र के सभी पद्म पुरस्कार और राष्ट्रपति पदक विजेताओं को भी दी।
इस दौरान अजित पवार ने पुणे में बढ़ रहे गुलियन-बैरे सिंड्रोम पर एक घोषणा भी की। पुणे जिले में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बारे में मुझे पता चला कि इस विशेष बीमारी का इलाज महंगा है, इसलिए मैंने जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की और नागरिकों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का फैसला किया।”
Pune | On cases of Guillain-Barre Syndrome (GBS) reported in the Pune district, Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar says, "About Guillain-Barre Syndrome (GBS) I got to know that treatment for this particular disease is costly therefore I had a meeting with officials of district… https://t.co/SUs1hETVpw pic.twitter.com/hcmSO7B6ky — ANI (@ANI) January 26, 2025
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उन्होंने आगे कहा, “पिंपरी चिंचवाड़ जिले के प्रभावित लोगों का इलाज वाईसीएम अस्पताल में किया जाएगा। पुणे नगर निगम क्षेत्र के मरीजों का इलाज पुणे शहर के कमला नेहरू अस्पताल में किया जाएगा। नागरिकों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी है। मुझे पता चला है कि इस विशेष बीमारी के इलाज के लिए इंजेक्शन बहुत महंगे हैं इसलिए हमने आज ये दो फैसले लिए। मुंबई लौटने के बाद हम ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए आगे के फैसले लेंगे, जिनका इलाज पुणे में सरकारी ससून अस्पताल में मुफ्त में किया जा सकता है।”