प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Pune Lift Safety Issue News: महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे जिले में लिफ्ट सुरक्षा को लेकर एक चौंकाने बाला आंकड़ा साझा किया, जिसने सदन में तीखी बहस छेड़ दी। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पुणे जिले में कुल 61,521 लिफ्ट स्थापित हैं, लेकिन इनमें से एक बड़े हिस्से (55,827) का सुरक्षा निरीक्षण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जुलाई 2025 से नवंबर 2025 तक की पांच महीने की अवधि में केवल 5,694 लिफ्टों का ही वार्षिक निरीक्षण पूरा हो सका है, जबकि 55,827 लिफ्टों की जांच का काम अभी भी लंबित है। यह गंभीर आंकड़ा पुणे जैसे महानगर में लिफ्ट सुरक्षा मानकों के अनुपालन की चिंताजनक स्थिति को स्पष्ट करता है।
यह संवेदनशील जानकारी चिंचवड के भाजपा विधायक शंकर जगताप द्वारा पूछे गए एक तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में सामने आई. विधायक जगताप ने यह प्रश्न भोसरी विधानसभा क्षेत्र के चोविसावाड़ी स्थित रामस्मृति हाउसिंग सोसायटी में 3 अक्टूबर को हुई एक दुखद घटना के संदर्भ में उठाया था, जहां 12 वर्षीय अमेय साहेबराव फडतरे की लिफ्ट में फंसकर मौत हो गई थी।
इस दर्दनाक हादसे ने शहर की हाउसिंग सोसायटियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लिफ्टों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। विधायक जगताप ने अपने सवाल में पूछा था कि क्या यह हादसा ऊर्जा और श्रम विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार नियमित निरीक्षण न होने के कारण हुआ।
उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या शहर की सभी लिफ्टों का सुरक्षा ऑडिट किया गया है और घटिया गुणवत्ता वाली लिफ्टों को निष्क्रय किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नियमों का पालन न करने वाले बिल्डरों और सोसायटी प्रबंधन पर की गई दंडात्मक कार्रवाई की जानकारी भी मांगी थी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने लिखित उत्तर में 12 वर्षीय बच्चे की मौत की पुष्टि की और बताया कि घटना की जांच के बाद दुर्घटनाग्रस्त लिपट को तुरंत बंद कर दिया गया था। उन्होंने सोसायटी प्रबंधन को आवश्यक तकनीकी कमियों को सुधारने और सभी सुरक्षा त्रुटियों को दूर करने के बाद ही विद्युत निरीक्षकों की लिखित अनुमति से लिफ्ट को फिर से बालू करने का निर्देश दिया है।
लिफ्टों के निरीक्षण की धीमी गति के संबंध में मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि पहले लिपटों के काम की देखरेख के लिए केवल दो विद्युत निरीक्षक और 69 अन्य तकनीकी पद ही स्वीकृत थे, जो पुणे जिले की लिफ्टों की विशाल संख्या को देखते हुए अपर्याप्त थे।
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निरीक्षण कार्यों में तेजी लाने के लिए, राज्य सरकार ने 28 अप्रैल 2025 को लिफ्ट संबंधी कार्यों का जिला स्तर पर विकेंद्रीकरण करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस प्रशासनिक पुनर्गठन के परिणामस्वरूप अब कुल 519 पद उपलब्ध हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि बढ़ी हुई जनशक्ति के कारण अब लिफ्ट निरीक्षण के लंबित कार्यों में तेजी आएगी और शेष 55,827 लिफ्टों की जांच भी जल्द पूरी की जा सकेगी, जिससे शहर में लिफ्ट सुरक्षा का स्तर बेहतर हो सकेगा।