पुल पार करते छात्र (फोटो नवभारत)
Pune Khadakwasla Bridge Danger News: पुणे के खड़कवासला क्षेत्र में छात्रों को हर दिन जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ रहा है। इस समस्या की जड़ है खड़कवासला पुल, जहां लगातार पानी जमा रहता है। यह पुल इतना संकरा है कि पैदल चलने वालों को पुल की सुरक्षा दीवार पर संतुलन बनाते हुए चलना पड़ता है। जो किसी भी समय एक बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
इस भयावह स्थिति के बावजूद, स्थानीय प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। यह पुल लंबे समय से जर्जर हालत में है और इसकी चौड़ाई इतनी कम है कि एक बार में सिर्फ एक ही चारपहिया वाहन मुश्किल से निकल पाता है।
बारिश के मौसम में स्थिति और भी बदतर हो जाती है, क्योंकि पुल पर बने गहरे गड्ढे और दोनों तरफ की ढलान इसे और खतरनाक बना देती है। पुल पर सुरक्षा के लिए न तो कोई दीवार है, न ही स्ट्रीट लाइट और न ही पैदल चलने के लिए कोई अलग रास्ता, जिससे रात के समय यहां से गुजरना और भी मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल की मरम्मत और चौड़ीकरण के लिए फंड होने के बावजूद काम रुका हुआ है। वे लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल निकासी की व्यवस्था को सुधारा जाए, एक अस्थायी पुल बनाया जाए और स्ट्रीट लाइट लगाई जाएं ताकि हादसे रोके जा सकें।
इसी रास्ते से रयत शिक्षण संस्था के यशवंत विद्यालय और पुणे मनपा के स्कूल के सैकड़ों छात्र रोजाना आते-जाते हैं। यहां के माता-पिता और नागरिक इस बात को लेकर बहुत चिंतित हैं कि अगर कोई छात्र नहर की दीवार से फिसलकर गिर गया, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? कुछ छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं, फिर भी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है।
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यह देखना दुखद है कि शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत के लिए छात्रों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। पुणे जैसे शहर में ऐसी स्थिति का होना वास्तव में शिक्षा के माहौल पर एक धब्बा है। नागरिक और शैक्षणिक संस्थान लगातार प्रशासन पर दबाव डाल रहे हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या को सुलझाया जाए, क्योंकि देरी से किसी बड़े हादसे का खतरा हमेशा बना रहता है।
खडकवासला के पूर्व सरपंच सौरभ मते ने कहा कि हमने पुल की मरम्मत और सुरक्षा के लिए कई बार मनपा से संपर्क किया है। बारिश का मौसम आने और कोई बड़ा हादसा होने से पहले इन कामों को तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। छात्रों और नागरिकों को हर दिन अपनी जान जोखिम में डालने की जरूरत नहीं है। अगर प्रशासन तुरंत ध्यान दे तो एक बड़ा हादसा टाला जा सकता है।
जूनियर इंजीनियर नेहा कोलते ने कहा कि सुरक्षा और पैदल चलने वालों की सुविधा के लिए इस जगह पर आवश्यक उपाय किए जाएंगे। पुल की मरम्मत और पानी के निकास के लिए सुधार जल्द ही किए जाएंगे।