पुणे में विरोध प्रदर्शन (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई पर हुए हमले के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में विरोध की लहर दौड़ गई है। पुणे और बारामती में मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) और वकील संगठनों की ओर से तीव्र विरोध प्रदर्शन किए गए।
बारामती में सांसद सुप्रिया सुले, एनसीपी नेता युगेंद्र पवार समेत स्थानीय वकीलों और पदाधिकारियों ने डॉ। बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने मौन धरना देकर विरोध जताया। सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश पर हमला देश के लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला है।
अब समय आ गया है कि हम आत्मनिरीक्षण करें कि समाज में इतना विद्वेष क्यों फैल रहा है। उधर, पुणे में भी वकील संगठनों और सामाजिक संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा की। पुणे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड। हेमेत झंजाड ने कहा कि न्याय पालिका पर हुआ यह हमला लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक स्तंभ को चोट पहुंचाने जैसा है।
पूर्व गृह राज्य मंत्री और मातंग एकता आंदोलन के संस्थापक रमेश बागवे ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो राज्यभर में तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल सीजेआई गवई पर नहीं, भारतीय संविधान और न्याय प्रणाली पर है।
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एनसीपी (शरद गुट) ने भी पुणे में प्रदर्शन किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार समर्पित धर्माध शक्तियों को मिली खुली छूट अब सीधे न्याय पालिका पर हमला करने तक पहुंच चुकी है, यह हमला केवल व्यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों पर है। शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।