सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
CM Fadnavis on Cerebral Palsy: सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारी से जूझते बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटे, इसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक अनोखा अभियान शुरू किया है। इस पहल का नाम है ‘नवसंजीवनी’, जिसका मकसद है इन मासूमों को बेहतर इलाज, शिक्षा और सामाजिक सहयोग देकर जीवन को नई दिशा देना।
फडणवीस का कहना है कि सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रहे बच्चों में अपार क्षमताएं होती हैं। अगर उन्हें सही मार्गदर्शन और उपचार मिले तो ये बच्चे भी कलाकार, वैज्ञानिक और समाज का नेतृत्व करने वाले नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने इसे अपने जीवन का व्यक्तिगत सपना बताया और कहा कि “ये सिर्फ उपचार नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत है।”
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज और मुकुल माधव फाउंडेशन के सहयोग से यह उपक्रम शुरू किया है। खास बात यह है कि फिनोलेक्स और मुकुल माधव फाउंडेशन पिछले दस वर्षों से सातारा और रत्नागिरी जिलों में इन बच्चों के लिए काम कर रहे हैं। सातारा, वाई, पाटण और खंडाला जैसे इलाकों में बने पुनर्वास केंद्रों में बच्चों को फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी और ऑक्युपेशनल थेरेपी जैसी ज़रूरी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
अब तक 986 सेरेब्रल पाल्सीग्रस्त बच्चों का पंजीकरण कर उन्हें सहायता दी जा चुकी है। इस पहल से सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि उनके माता-पिता भी भावुक होकर कह रहे हैं कि अब हमें लगता है कि हम इस संघर्ष में अकेले नहीं हैं।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम समाज के उस वर्ग तक पहुंचने का प्रयास है जिसे अक्सर उपेक्षित कर दिया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से न सिर्फ बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि समाज भी यह समझेगा कि हर बच्चा खास है और उसमें कुछ कर दिखाने की क्षमता है।
‘नवसंजीवनी’ अभियान अब हजारों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बन चुका है। आने वाले समय में इसे और बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिल सके।