प्रकाश आंबेडकर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
पुणे: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत एक्शन लिया। महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत ही पहलगाम से महाराष्ट्र के नागरिकों को वापस लाने के लिए अभियान चलाया और लोगों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया। साथ ही पहलगाम हमले में मारे गए 6 महाराष्ट्र के नागरिकों के शवों को राज्य में लाने का बंदोबस्त किया। साथ ही मृतकों और घायलों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा भी की।
महाराष्ट्र सरकार के इस अभियान को हालांकि, वीबीए ने गलती करार दिया। वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार के अभियान को गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार को पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर कश्मीर से पर्यटकों को वापस लाने की जल्दबाजी करने के बजाय उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी।
संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सरकार की गलती है। उन्हें जम्मू-कश्मीर में उन पर्यटकों का सहयोग करना चाहिए था, जो डरे हुए नहीं थे तथा उन्हें वापस लाने के बजाय उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी। तब स्थिति सामान्य हो जाती।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पर्यटकों का खर्च उठाना चाहिए था। जम्मू कश्मीर में पहलगाम के एक लोकप्रिय मैदान में 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें महाराष्ट्र के कम से कम छह लोग शामिल थे। प्रकाश आंबेडकर ने इस अनुरोध के साथ दो मई को मुंबई में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की घोषणा की कि सरकार पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
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पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित की भारत की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रकाश आंबेडकर ने पूछा कि क्या सरकार के पास सिंधु नदी के पानी का भंडारण करने के लिए बुनियादी ढांचा है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ दस्तावेजों पर काम करने के बजाय, एक ठोस कार्य योजना लागू करनी चाहिए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)