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पुणे: उरुली देवाची के कचरा भूमि के कचरा प्रक्रिया के छत पर सौर ऊर्जा (Solar Energy) का निर्माण किया जाएगा। छत पर 100 किलो वॉट ऊर्जा पैदा करने की योजना पुणे महानगरपालिका (PMC) ने बनाई है। इसके जरिए निर्मित होने वाली बिजली का इस्तेमाल स्ट्रीट लाइट और अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। इस पर 55 लाख रुपए का खर्च होने की उम्मीद है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशानुसार यह योजना बनाई जा रही है।
उरुली देवाची के कचरा भूमि के संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की गई है। इस संदर्भ में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पुणे महानगरपालिका को दो करोड़ का गारंटी पत्र और कचरा भूमि परिसर में पर्यावरणपूरक काम करने का आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिया था।
ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार कचरा से निकले मलबे को बहाकर ले जाने के लिए गटर महानगरपालिका ने बनवाया है। साथ ही कचरा भूमि परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया है। आने वाले दिनों में कचरा प्रक्रिया प्रोजेक्ट की छत पर सौर ऊर्जा का निर्माण करने की योजना है। इसके लिए 55 लाख रुपए का टेंडर पीएमसी जारी करेगी।
स्ट्रीट लाइट, वजन कांटा, पंप हाउस के मोटर, सीसीटीवी के लिए इस बिजली का इस्तेमाल किया जाएगा। अतिरिक्त बिजली पैदा होने पर बिजली की बिक्री करने पर भी विचार किया जा रहा है। इससे मनपा को कुछ हद तक इनकम होगी और कचरा भूमि की प्रक्रिया प्रोजेक्ट के लिए लगने वाली बिजली का खर्च कम होगा। यह दावा पुणे महानगरपालिका के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग ने किया है।