कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में पिछले तीन साल से निकाय चुनाव का इंतजार किया जा रहा था। अब यह इंतजार खत्म होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर चुनाव आयोग को आदेश जारी किया है। महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना चार सप्ताह के भीतर जारी करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का विवादास्पद मुद्दा 2022 की रिपोर्ट से पहले जैसा ही रहेगा। पीठ ने स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न कराने के लिए समयसीमा तय करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से इसे चार महीने में संपन्न करने को कहा। पीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) को उचित मामलों में अधिक समय मांगने की स्वतंत्रता दी।
मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिकाओं पर फैसलों पर निर्भर करेंगे। शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त 2022 को एसईसी और महाराष्ट्र सरकार को राज्य में स्थानीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसके तहत उसने एसईसी को निर्देश दिया था कि वह ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के लिए 367 स्थानीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया को फिर से अधिसूचित न करे, जहां यह पहले ही शुरू हो चुकी है।
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बता दें कि राज्य सरकार स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए अध्यादेश लाई थी। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वापस लिए जाने या संशोधित करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया। शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई 2022 को राज्य निर्वाचन आयोग को चेतावनी दी कि अगर उसने ऐसे स्थानीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया को फिर से अधिसूचित किया तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।