मालेगांव : रूस (Russia) के पुतिन ने आक्रामकता (Aggression) पर हिटलर (Hitler) के नक्शेकदम पर चलते हुए यूक्रेन (Ukraine) में आक्रमणों की झड़ी लगा दी है। अधिकांश देशों की चेतावनियों के बावजूद रुस ने अपनी आक्रामकता जारी रखी है। विश्व विशेषज्ञों को डर है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध (World War) की ओर बढ़ रही है। परिणाम को लेकर हर कोई चिंतित है। लेकिन फिलहाल इस जंग ने नाशिक, मालेगांव और महाराष्ट्र में महंगाई बढ़ा दी है। एक तरफ चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका है तो दूसरी तरफ मीठे तेल के दाम में 20 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है।
नतीजा आम लोगों की जेबों पर भारी असर पड़ा है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से मालेगांव पिछले कुछ दिनों से गंभीर परिणाम भुगत रहा है। इसका सीधा असर आम लोगों के जीवन पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि केवल 4 दिनों में खाद्य तेल की कीमत 20 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है। मूंगफली, कर्डई, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी आई है। तेल कारोबारी रामकृष्ण बेंडेल ने संभावना जताई है कि आने वाले समय में मीठे तेल के दाम और बढ़ेंगे।
कई व्यापारी यूक्रेन-रूस युद्ध का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। समझा जाता है कि कई लोगों ने तेल जमा करना शुरू कर दिया है। इसलिए बाजार में तेल की अधिक मांग और कम आपूर्ति की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो निकट भविष्य में मीठे तेल की कीमतों में और तेजी आएगी। मालेगांव के तहसीलदार चंद्रजीत राजपूत ने अपील की है कि कोई जमाखोरी न करें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए टीमें गठित कर कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, यूक्रेन-रूस युद्ध ने सोना और महंगा कर दिया है। निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोना पसंद करते हैं। नतीजतन, सोने की कीमत बढ़ रही है। वहीं, उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनाव के नतीजे मार्च में हैं। नतीजे आने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की संभावना है। अगर ऐसा हुआ तो महंगाई फिर बढ़ेगी। आम आदमी पर जोरदार झटका पड़ेगा।