तपोवन में पेड़ कटाई के विरोध में प्रदर्शन करती शिवसेना महिला मोर्चा की सदस्य (फोटो नवभारत)
Nashik Tree Cutting Issue: नासिक के तपोवन क्षेत्र में जारी वृक्ष कटाई के विरोध में अब महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। सोमवार को शिवसेना महिला मोर्चा ने ‘तपोवन बचाओ’ मुहिम में हिस्सा लेते हुए प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर उतरीं और “तपोवन बचाओ, नासिक बचाओ” तथा “हरित नासिक, सुंदर नासिक” जैसे संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कोरोना महामारी के समय ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का उदाहरण देते हुए कहा कि वृक्ष ही प्रकृति के वास्तविक ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। इसलिए नासिक शहर को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए तपोवन जैसे हरित क्षेत्रों को बचाना अनिवार्य है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की महिला आघाड़ी की नासिक जिला प्रमुख स्वाती पाटील ने कहा कि ऑक्सीजन है तो जीवन है, और वृक्ष हैं तो ऑक्सीजन। अगर समय रहते पेड़ों को नहीं बचाया गया तो नासिक शहर को भी दिल्ली, मुंबई और पुणे जैसी प्रदूषण की समस्या से जूझना पड़ेगा।
उन्होंने याद दिलाया कि जब राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार थी उस समय तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने मुंबई के आरे में वृक्ष कटाई रोकने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इसी तरह नासिक के उंटवाडी में सैकड़ों वर्षों पुराने बरगद के पेड़ को भी संरक्षित किया गया था। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब शिवसेना (यूबीटी) सरकार पेड़ बचा सकती है, तो आज की भाजपा सरकार क्यों नहीं?
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प्रदर्शन के दौरान पूर्व प्रभाग सभापति माधुरी मिलिंद जाधव, पंचवटी उप-जिला प्रमुख शोभा दिवे, फैमिदा रंगरेज, कीर्ती निरगुडे, महानगर प्रमुख शोभाताई वालडे समेत कई महिला पदाधिकारी मौजूद रहीं। सभी ने एक सुर में मांग की कि तपोवन क्षेत्र में वृक्ष कटाई तुरंत रोकी जाए और हरित नासिक मिशन को प्राथमिकता दी जाए।