प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नासिक: नासिक जिले में एक अधिकारी द्वारा रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। एसीबी इसकी शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की। जिले के सुरगाणा पंचायत समिति के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर महेश पोतदार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। कथित तौर पर यह रिश्वत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 32.3 लाख रुपए के लंबित बकाए को चुकाने के लिए ली गई थी। अधिकारी के घर की तलाशी ली गई, जिसमें 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और संपत्ति के दस्तावेज मिले।
सुरगाणा पंचायत समिति के खंड विकास अधिकारी (श्रेणी I) महेश पोतदार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2.1 कराेड़ रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। कथित तौर पर यह रिश्वत शिकायतकर्ता के लंबित बकाए को चुकाने के लिए ली गई थी।
शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई। जांच के दौरान पोतदार ने गवाहों के सामने रिश्वत की मांग की और उसे स्वीकार भी किया। उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ सुरगाणा पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अधीक्षक शर्मिठा घरगे-वालावलकर के मार्गदर्शन में की गई। पुलिस निरीक्षक राजेंद्र सानप ने ट्रैप अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला। टीम में पुलिस नायक किरण धुले, विलास निकम और हवलदार संतोष गंगुर्डे शामिल थे।
संदिग्ध ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी महेश पोतदार नासिक शहर के आरटीओ कॉर्नर इलाके में रहता है। उनकी गिरफ़्तारी के बाद, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तुरंत उनके घर की तलाशी ली और 2.1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए। पुलिस इंस्पेक्टर राजेंद्र सानप ने पुष्टि की कि संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।
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एबीसी ने महेश पोतदार को गिरफ्तार कर लिया है और गिफ्तारी के बाद आगे कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि उनके घर की तलाशी ली गई जिसमें कुछ अहम दस्तावेज मिले है। उसकी जांच की जाएगी और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।