येवला: राज्य ही नहीं प्रादेशिक जल आपूर्ति के लिए पथदर्शी योजना के रूप में येवला के 38 गांव की योजनाओं को देखा जा रहा है। इन योजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन में सभी गांव के सरपंच, निवासी और कार्यकर्ताओं का अहम योगदान है। योजना के तहत साकार की किए गए सौर ऊर्जा परियोजना के बिजली के बिल में 25 लाख रुपए की बचत होगी। यह योजना आगे भी सफलतापूर्वक संचालित की जाती रहेगी, ऐसा प्रतिपादन नाशिक जिले के पूर्व पालकमंत्री छगन भुजबल ने किया। एक मिसाल साबित हुए येवला के 38 गांव की जलापूर्ति योजना के सौर ऊर्जा परियोजना के लोकार्पण कार्यक्रम में भुजबल ने उक्त बात कही।
भुजबल ने कहा कि 38 ग्रामीण जलापूर्ति योजना को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने अहम योगदान दिया है, इसलिए यह योजना पूरे देश में एक पायलट योजना के रूप में सामने आई है। भुजबल ने कहा कि लोगों की लोगों के योगदान के कोई योजना कैसे सफल होती है, इसका जीवंत उदाहरण येवला की 38 ग्राम जलापूर्ति के रूप में सामने आया है। भुजबल ने इस दौरान अपील की कि भविष्य में भी इसी के सामूहिक प्रयास से अन्य योजनाएं भी सफल होगी।
उन्होंने कहा कि येवला तहसील के 38 गांवों के लिए वर्ष 2008 में नल जलापूर्ति योजना शुरू की गई थी। योजना के प्रत्येक अंचल में वैकल्पिक संयंत्रों को पानी पंप करने की अक्षमता के कारण नए विद्युत उपकरण स्थापित करना आवश्यक था। अतः जल जीवन मिशन की रेट्रोफिटिंग योजना के अंतर्गत सम्मिलित गांवों के लिए पम्पिंग प्लांट, अतिरिक्त वितरण प्रणाली एवं भण्डारण टंकियों का कार्य हाथ में लेने का निर्णय लिया गया। इस योजना के लिए 10 करोड़, 9 लाख रुपए की रेट्रोफिटिंग योजना स्वीकृत की गयी।
नाशिक जिले के पूर्व पालकमंत्री ने कहा कि इस योजना में एक वर्ष में 4 लाख, 94 हजार, 291 यूनिट बिजली खर्च की जा रही है और 44 लाख, 67 हजार, 636 रुपए बिजली लोड पर खर्च किया जा रहा है। बिजली के भारी खर्च को बचाने के लिए येवला के 38 गांवों में सौर ऊर्जा पर क्षेत्रीय जलापूर्ति योजनाएं संचालित की जा रही है, जिनसे 268 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।
सौर परियोजना के कारण वर्षा काल के मौसम को छोड़कर प्रतिदिन औसतन 900 से 1200 यूनिट का उत्पादन होगा और बिजली की वार्षिक बचत 25 लाख रुपए होगी। भुजबल ने कहा कि इस योजना के साथ ही लासलगांव, विंचूर, सहित 16 अन्य गांवों में भी शीघ्र ही जलापूर्ति योजना सौर ऊर्जा के माध्यम से शुरु की जाएगी। लोकार्पण कार्यक्रम में परिचयात्मक भाषण अध्यक्ष सचिन कलामकर ने दिया और धन्यवाद प्रस्ताव उपाध्यक्ष मोहन शेलार ने दिया। लोकार्पण कार्यक्रम में तहसीलदार के अलावा अंसार शेख, राधाकिसन सोनावने, वसंत पवार, रतन बोरनारे, संजय बनकर, मोहन शेलार, उत्तम घुले, अनिल दराडे, प्रो.ज्ञानेश्वर दराडे आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।