छगन भुजबल (pic credit; social media)
Simhastha Kumbh Mela: सिंहस्थ कुंभ मेले में हर बार भारी भीड़ उमड़ती है और रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। लेकिन इस बार ऐसा न हो, इसके लिए बड़ी पहल की गई है। नाशिक रोड रेलवे स्टेशन पर अब स्थायी होल्डिंग एरिया की स्थापना को रेल मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है। यह प्रयास नाशिक के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल की कोशिशों से संभव हुआ है।
दरअसल, फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के बाद रेल मंत्रालय ने प्रमुख स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाने का निर्णय लिया था। इसी कड़ी में भुजबल ने मार्च में मांग रखी थी कि सिंहस्थ कुंभ के दौरान नाशिक रोड रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थायी व्यवस्था जरूरी है। अब रेल मंत्रालय की मंजूरी के साथ नाशिक देश के 73 प्रमुख स्टेशनों की सूची में शामिल हो गया है।
स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार के होल्डिंग एरिया 2100 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाए जाएंगे। इनकी कुल क्षमता करीब 5000 यात्रियों की होगी। इसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, वॉशबेसिन और पेयजल की व्यवस्था होगी। अस्थायी एरिया में पोर्टेबल शौचालय लगाए जाएंगे। इसके अलावा टिकट काउंटर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड, साइनेज, पैकेज स्कैनर और एआई आधारित कैमरों की सुविधा भी मिलेगी।
सुरक्षा और प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए एक केंद्रीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित होगा। यह सेंटर सीसीटीवी कैमरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस होगा ताकि यात्रियों के प्रवाह पर लगातार नजर रखी जा सके।
सिंहस्थ कुंभ के अवसर पर नाशिक में 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। यह आंकड़ा 2015 के सिंहस्थ से लगभग 50 गुना अधिक है। नाशिक रोड रेलवे स्टेशन एनएसजी-2 श्रेणी का स्टेशन है और यहां त्योहार के दौरान यात्रियों की संख्या में और भी इजाफा होगा।
भीड़ प्रबंधन की योजना के तहत त्योहार या भीड़भाड़ के समय यात्रियों को प्लेटफार्म पर सीधे प्रवेश नहीं मिलेगा। पहले उन्हें स्टेशन के बाहर बने होल्डिंग एरिया में रोका जाएगा और केवल आरक्षित टिकट धारकों को ही प्लेटफार्म पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इस कदम से न केवल भीड़ पर नियंत्रण मिलेगा बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। सिंहस्थ जैसे महाकुंभ के लिए यह बड़ा और स्वागत योग्य निर्णय माना जा रहा है।