नासिक में प्याज कीमतों में गिरावट ( pic credit; social media)
Onion Prices in Nashik: प्याज के दामों में भारी गिरावट से नाराज किसानों ने सोमवार को सटाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवतीर्थ के पास जाम लगाकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस अचानक हुए आंदोलन से घंटों तक यातायात ठप रहा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मौके पर पहुंचे तहसीलदार कैलास वावड़े और पुलिस निरीक्षक योगेश पाटिल ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उनकी मांगें स्वीकार कीं, जिसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ।
चांगलान तालुका की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर प्याज उत्पादन पर निर्भर करती है, लेकिन इस बार किसानों को उचित दाम न मिलने से भारी असंतोष फैल गया है। किसानों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों और नाफेड-एनसीसीएफ के माध्यम से की जा रही बिक्री से उन्हें और नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आंदोलन का नेतृत्व मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय सोनवणे, निदेशक डॉ. राहुल सोनवणे, शिवसेना नेता लालचंद सोनवणे, किसान संघ के तालुका अध्यक्ष केशव सूर्यवंशी और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने किया। इस दौरान किसानों ने साफ चेतावनी दी कि यदि सरकार ने प्याज के बाजार मूल्य बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक नीति नहीं बनाई तो राज्यभर में और भी बड़े आंदोलन होंगे।
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वक्ताओं ने कहा कि नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा बाजार में की जा रही प्याज बिक्री तुरंत बंद होनी चाहिए, ताकि किसानों को उचित दाम मिल सकें। इसके साथ ही निर्यात के लिए परिवहन सब्सिडी देने, कर्ज माफी की घोषणा करने और व्याजमुक्त ऋण नीति लागू करने की मांग भी की गई।
किसान नेता केशव सूर्यवंशी ने कहा कि प्याज पहले ही औंधे मुंह गिर चुका है और सरकार की नीतियों ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा बिक्री से किसानों का नुकसान बढ़ रहा है। अगर यह नीति तुरंत नहीं बदली गई तो किसान सड़कों पर उतरकर और भी उग्र आंदोलन करेंगे।
करीब डेढ़ घंटे तक चले इस आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे, जिनमें किरण मोरे, देवीदास अहिरे, सुभाष शिंदे, गणेश काकुली, संदीप सोनवणे और कई अन्य प्रमुख किसान शामिल थे। आंदोलन खत्म होने तक साकरी-शिरडों और सटाणा-मालेगांव मार्ग पर ट्रैफिक पूरी तरह से जाम रहा।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने एकजुट होकर ऐलान किया कि यदि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया गया तो यह आंदोलन पूरे राज्य में और व्यापक रूप लेगा।