नासिक कुंभ (फाइल फोटो)
Nashik Simhastha Kumbh: सिंहस्थ कुंभ मेले में आने वाले साधुओं और महंतों के रहने के लिए बनाए जा रहे साधु ग्राम के संबंध में एक बड़ा बदलाव सामने आया है।
जहां पिछले आठ-दस सालों से जमीन को स्थायी रूप से अधिग्रहित करने (भूसंपादन) पर चर्चा चल रही थी, वहीं अब यह स्पष्ट हो गया है कि साधु ग्राम और अन्य कार्यों के लिए जमीन लीज पर ली जाएगी।
1004 एकड़ रुपये से अधिक की लागत आने की संभावना के कारण, कुंभ मेला अथॉरिटी ने लीज पर लेने का विकल्प अपनाया है। कुंभ मेला अथॉरिटी ने इस काम के लिए नासिक में 784 एकड़ और त्र्यंबकेश्वर में 220 एकड़ जमीन की पहचान की है, जिसका प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया गया है। नासिक में तपोवन इलाका, नांदूर, नासिक और अगरटाकाली इलाकों की प्राइवेट जमीन दो साल के लिए लीज पर अधिग्रहित की जाएगी।
जिला प्रशासन ने जमीन का किराया तय करने के लिए पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेट को प्रस्ताव भेजा है। किराया युपिंग एरिया ऑफिसर द्वारा रेडी अकाउंट के हिसाब से फाइनल किया जाएगा।
पिछले सिंहस्थ (2015) में तपोवन में साधु ग्राम बनाने के लिए किसानों से जमीन लीज पर ली गई थी। साधु ग्राम बनाते समय इस जमीन पर बनी सड़कों से जमीन को नुकसान पहुंचता है और दोबारा फसल उगाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जमीन के मालिक भी चाहते थे कि सरकार इन जमीनों को हमेशा के लिए एक्वायर कर ले। सरकार ने पहले इसी हिसाब से घोषणा भी की थी, लेकिन अब अथॉरिटी ने लीज पर जमीन लेने का प्रस्ताव दिया है।
पिछले सिंहस्थ (2015) में तपोवन में दो साल के लिए प्राइवेट जमीन एक्वायर की गई थी। उस समय जमीन दिया मालिकों को 11 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा गया था (6 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन की फीस +5.5 लाख रुपये प्रति एकड़ उसे ठीक करने का खर्च)। अगले चरण में जमीन मालिकों से बातचीत करके एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
ये भी पढ़ें :- Maharashtra ने 45,911 सौर पंप लगाकर बनाया विश्व रिकॉर्ड, सीएम फडणवीस का बड़ा ऐलान