प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स : सोशल मीडिया )
Local Election Results Hindi News: नासिक जिले में हुई 11 नगरपरिषदों के चुनाव में 11 में से 5 सीधे नगराध्यक्ष पद और 266 में से 85 नगरसेवक पद जीतकर यह गठबंधन इस चुनाव में नंबर-वन रहा।
इस चुनाव में भाजपा के 3 सीधे नगराध्यक्ष और 71 नगरसेवक निर्वाचित हुए, जबकि राकां (अजित गुट) के 3 सीधे नगराध्यक्ष और 62 नगरसेवक चुने गए।
खास बात यह रही कि कहीं गठबंधन में तो कहीं विरोध में चुनाव लड़ने के बावजूद महायुति के घटक दलों ने ही बाजी मारी और 11 में से सभी 11 सीधे नगराध्यक्ष पद अपने नाम किए, वहीं 264 में से 218 नगरसेवक पदों पर जीत हासिल की।
मविआ में शामिल शिवसेना (ठाकरे गुट) का एक भी सीधा नगराध्यक्ष नहीं बन सका, हालांकि उसके 28 नगरसेवक निर्वाचित हुए।
कांग्रेस से जिले में केवल एक नगरसेवक चुना गया, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के 3 नगरसेवक निर्वाचित हुए। अन्य व निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 14 रही, जिले में कुल 15 विधायक हैं, जिनमें से 14 महायुति के है। इनमें से 8 विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में ये नगरपरिषद चुनाव हुए।
इनमें राष्ट्रवादी के 5, भाजपा के 2 और शिवसेना (शिंदे गुट। का 1 विधायक शामिल है। ऐसे में इन विधायकों के क्षेत्रों में किस पार्टी का दबदबा रहता है, यह अहम था।
इस चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) के विधायक दिलीप बनकर को ओझर और पिपलगां नगरपालिकाओं में बड़ा झटका लगा। दोनों जगह भाजपा के सीधे नगराध्यक्ष निर्वाचित हुए। वहीं विधायक हिरामण खोसकर ने इगतपुरी में शिंदे सेना के साथ गठबंधन किया था, जहां शिंदे गुट के नगराध्यक्ष चुने गए।
त्र्यंबकेश्वर में स्वतंत्र चुनाव लड़ने का उन्हें नुकसान हुआ और वहां शिंदे गुट की नगराध्यक्षा निर्वाचित हुई। सटाणा से भाजपा विधायक दिलीप बोरसे के क्षेत्र की नगरपालिका में भी शिंदे गुट ने जीत दर्ज की, जिससे उन्हें भी झटका लगा। दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) के विधायक छगन भुजबल ने येवला में जीत हासिल की।
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शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक सुहास कांदे ने मनमाड और नांदगांव-दोनों क्षेत्रों में एकतरफा जीत दर्ज की, भाजपा के विधायक डॉ। राहुल आहेर के क्षेत्र चांदवड में उन्हें सफलता मिली, सिन्नर में राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित गुट) के विधायक माणिकराव कोकाटे ने भी अपना गढ़ बरकरार रखा, भगूर में राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित गुट) की विधायक सरोज आहिरे ने जीत दर्ज कर 25 वर्षों से सत्ता में रहे विजय करंजकर का राज पलट दिया।