प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Nashik BJP Ticket Controversy: नासिक महानगरपालिका चुनाव की घोषणा के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के भीतर एक बड़ा विस्फोटक विवाद खड़ा हो गया है।
पार्टी के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी ने चुनाव जीतने की होड़ में ‘आयाराम-गयारामों’ (बाहरी नेताओं) को तवज्जो देते हुए टिकटों की खुली बिक्री की है। कार्यकर्ताओं का दावा है कि एक-एक टिकट 2 करोड़ रुपये में बेचा गया है और इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 244 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।
महानगरपालिका चुनाव के लिए भाजपा के कई पुराने पदाधिकारियों ने सालों से जमीन पर काम किया था। लेकिन चुनावी माहौल गरमाते ही शिवसेना (उबाठा), मनसे, कांग्रेस और शिंदे सेना के कई दिग्गज भाजपा में शामिल हो गए।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें अंत तक टिकट देने का आश्वासन दिया, लेकिन नामांकन के अंतिम समय में उन्हें दरकिनार कर दिया गया।
आरोप है कि भाजपा ने शहर से दूर एक गुप्त स्थान पर ‘दुकान’ सजाकर बाहरी उम्मीदवारों को मोटी रकम लेकर एबी फॉर्म बांटे, जबकि पुराने कार्यकर्ता बिना फॉर्म के ही पर्चा दाखिल करने को मजबूर हुए।
इन गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के संकटमोचक माने जाने वाले नेता गिरीश महाजन ने कहा कि टिकट न मिलने के कारण कुछ कार्यकर्ता गुस्से में हैं और 2 करोड़ रुपये लेने जैसे आरोप लगा रहे हैं।
यह भी पढ़ें:-कुंभ को लेकर नासिक में बौद्धिक मंथन, सामाजिक संगठनों से अपील, 100वें मराठी साहित्य सम्मेलन पर चर्चा