नासिक मनपा ने दी गड्ढे इजाजत (pic credit; social media)
Nashik Municipal Corporation: नासिकवासियों के लिए राहत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। महाराष्ट्र नेचुरल गैस लिमिटेड (एमएनजीएल) और अन्य मोबाइल कंपनियों द्वारा खोदी गई सड़कों ने शहरवासियों की जिंदगी को मुश्किल बना रखा है। मनपा ने दिवाली के बाद एमएनजीएल को गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए 180 किलोमीटर सड़कें और खोदने की अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि नागरिकों को अब भी धूल और गड्डों के बीच से सफर करना पड़ेगा।
एमएनजीएल का काम तीन-चार वर्षों से जारी है। नियमों का उल्लंघन और गड्डों को ठीक से न भरने के कारण पहले से खोदी गई सड़कें भी बुरी हालत में हैं। पहले कंपनी को 254 किलोमीटर सड़कें खोदने की अनुमति मिली थी, जिसमें लगभग 200 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। अब 50 किलोमीटर पर अभी भी काम बाकी है।
मनपा ने इस बार 180 किलोमीटर सड़कें खोदने के लिए एमएनजीएल से 150 करोड़ रुपये का सड़क क्षति शुल्क लिया है। इससे पहले 250 किलोमीटर के लिए 180 करोड़ रुपये लिया गया था। शहर अभियंता संजय अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि कुंभ मेले से पहले गैस पाइपलाइन का काम पूरा होना चाहिए, ताकि सड़क निर्माण का काम समय पर शुरू हो सके।
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नागरिकों का कहना है कि मनमानी से उनका जीवन प्रभावित हो रहा है। सड़कों पर धूल, गड्डे और रोजमर्रा की असुविधा बढ़ती जा रही है। वर्तमान गड्डों का मुख्य कारण एमएनजीएल और अन्य कंपनियों की अनियमित खुदाई और नियमों की अनदेखी है। ओएफसी केबल बिछाने वाली स्मार्ट सिटी कंपनी समेत अन्य मोबाइल कंपनियों ने भी सड़कें खोदी हैं।
नाशिकवासियों के लिए यह समय और चुनौतीपूर्ण है क्योंकि मनपा और कंपनियों के फैसलों के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में असुविधा लगातार बढ़ रही है। अधिकारी कहते हैं कि सड़क खोदने और पाइपलाइन बिछाने के काम में जल्दबाजी न हो, लेकिन नागरिकों की आवाज़ भी सुनना जरूरी है।