Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • India vs West Indies |
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Sonam Wangchuck |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

Nashik: महायुति विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर, पवार के मंत्रियों की बड़ी चुनौती

नासिक में स्थानीय निकाय चुनाव में जीतना महायुति के लिए बहुत जरूरी है। इस बार निकाय चुनाव में महायुति की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। खासकर अजित पवार गुट के सामने बड़ी चुनौती बनी रहेगी।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Jun 30, 2025 | 04:37 PM

अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस (कंसेप्ट फोटो-सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नासिक: नासिक जिले में महायुति के वर्चस्व को देखते हुए आगामी जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में महायुति के विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जानकारों का मानना है कि विधायकों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। चूंकि सबसे ज्यादा मंत्री और विधायक अजित पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस गुट के हैं, इसलिए उनकी असली परीक्षा होगी।

गट-गण संरचना कार्यक्रम की घोषणा के बाद प्रशासनिक स्तर पर काम शुरू हो गया है। नक्शे बनाने का काम हाथ में लिया गया है, और इसके अगले कुछ दिनों में पूरा होने की संभावना है। दूसरी ओर, राजनीतिक दलों के कार्यालयों में अभी तक चुनावी तैयारी दिख नहीं रही है। हालांकि, जिले के लगभग सभी विधायक महायुति के हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगेगी। विधायकों के तौर पर उन्हें अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

अजित पवार गुट के विधायकों के सामने चुनौतियां

अजित पवार गुट के सबसे अधिक 6 विधायक हैं। येवला मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है। इस क्षेत्र में शरद पवार गुट का अस्तित्व है, और ठाकरे की शिवसेना को मानने वाला भी एक बड़ा वर्ग है। इसलिए भुजबल के सामने अपने निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा गुटों से उम्मीदवार जिताने की चुनौती होगी। निफाड़ तालुका का नेतृत्व विधायक दिलीप बनकर के पास है, लेकिन ठाकरे की शिवसेना से अनिल कदम दो बार विधायक रह चुके हैं। प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में बनकर की कड़ी परीक्षा होगी।

मंत्री नरहर झिरवाल को दिंडोरी-पेठ निर्वाचन क्षेत्र में मंत्री के तौर पर अपनी पार्टी के ज्यादा से ज्यादा जिला परिषद सदस्यों को जिताने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र में शरद पवार गुट के भास्कर भगरे और निष्ठावान सिपाही श्रीराम शेटे का प्रभाव है। कलवण-सुरगाणा निर्वाचन क्षेत्र में विधायक नितीन पवार को अपनी ताकत साबित करनी पड़ेगी।

अजित पवार के विधायकों को बड़ी चुनौती

नासिक रोड-देवलाली निर्वाचन क्षेत्र में पहले ठाकरे की शिवसेना का वर्चस्व रहा है, लेकिन फिलहाल अजित पवार गुट की विधायक सरोज आहिरे इस निर्वाचन क्षेत्र का नेतृत्व कर रही हैं। बबन घोलप को मानने वाला वर्ग और ठाकरे गुट की जड़ें इस क्षेत्र में गहरी जमी हुई हैं, इसलिए आहिरे को अपना वर्चस्व साबित करके दिखाना होगा। हमेशा विवादास्पद बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डालने वाले कृषि मंत्री माणिक कोकाटे को ठाकरे गुट के सांसद राजाभाऊ वाजे से कड़ी टक्कर मिलेगी।

पिछली पंचवर्षीय चुनाव में वाजे ने ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार जिताकर ठाकरे गुट का वर्चस्व साबित किया था। खास बात यह है कि कोकाटे की बेटी सिमंतिनी कोकाटे को मामूली अंतर से जीत मिली थी। इगतपुरी-त्र्यंबकेश्वर से दूसरी बार विधायक बने हिरामन खोसकर को भी ज्यादा से ज्यादा जिला परिषद सदस्यों को जिताने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

विपक्ष के आगे झुकी सरकार, आदित्य ठाकरे बोले- नहीं रहा भरोसा, अब दिल्ली के…

अन्य दलों की स्थिति

शहर में तीन विधायक वाली भाजपा के पूरे जिले में पांच विधायक हैं। फिर भी ग्रामीण इलाकों में पार्टी अभी तक अपनी जड़ें जमा नहीं पाई है। ऐसे में केदा आहेर जैसे जमीनी स्तर के पदाधिकारी भी दूर हो गए हैं, इसलिए सटाणा और चांदवड-देवला के विधायकों के भरोसे ही जिला परिषद चुनाव का दांव लगाना पड़ेगा। शिंदे गुट को एक मंत्री और एक विधायक के दम पर करिश्मा दिखाना होगा। वहीं, शरद पवार गुट को दो सांसदों के सहारे ही चुनाव मैदान में उतरना होगा। कांग्रेस का तो एक भी विधायक नहीं है, इसलिए इस पार्टी को पदाधिकारियों के दम पर ही मैदान में उतरना पड़ेगा।

खर्च का मुद्दा

विधायकों पर ज्यादा से ज्यादा जिला परिषद सदस्यों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, लेकिन खर्च अपनी जेब से करना होगा या पार्टी फंड उपलब्ध कराएगी, यह असली मुद्दा है। अगर विधायकों को अपनी जेब से खर्च करना होगा तो क्या वे वाकई ऐसा करेंगे, यह भी महत्वपूर्ण है।

Nashik mahayuti ncp challenge maharashtra local body elections

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jun 30, 2025 | 04:37 PM

Topics:  

  • Maharashtra Local Body Elections
  • Mahayuti
  • Nashik NCP
  • Nashik News

सम्बंधित ख़बरें

1

चुनाव: आरक्षण लॉटरी का कार्यक्रम घोषित, राजनीतिक हलचल होगी तेज, आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तारीख 17

2

दशहरे पर Nashik Real Estate में 200 करोड़ का कारोबार, 350 से ज्यादा फ्लैट बिके

3

Nashik में 38,000 से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वाले हुए लाभान्वित, अब बढ़ी ऋण सीमा

4

Nashik ZP Election: 13 अक्टूबर को होगा आरक्षण फैसला, उम्मीदवारों की धड़कनें तेज

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.