नाशिक सिंहस्थ कुंभ (सौ. सोशल मीडिया )
Nashik News: कुंभमेला प्राधिकरण और त्र्यंबकेश्वर नगर परिषद ने शहर के विकास कार्यों के लिए विभिन्न विभागों के कुल 1461 करोड़ रुपये के 30 कार्य चुने हैं। वर्तमान में इनमें से केवल 4 काम शुरू हुए हैं और शेष 26 कार्यों को नवंबर या दिसंबर में शुरू किया जाएगा।
कुंभमेला प्राधिकरण के आयुक्त शेखर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखते हुए समय पर काम पूरे होंगे, इस पर विशेष ध्यान दें। प्राधिकरण के आयुक्त शेखर सिंह और जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने मंगलवार 4 नवंबर को संयुक्त रूप से त्र्यंबकेश्वर पालिका की विस्तृत समीक्षा बैठक ली।
इस दौरान प्रांताधिकारी पवन दत्ता, नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल पाटिल सहित जल संसाधन, सार्वजनिक निर्माण, वन, एमएसईडीसीएल और अन्य प्रमुख विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कुंभ मेले की तैयारियों के मद्देनजर आयुक्त ने स्वच्छता और सुगमता पर ध्यान केंद्रित करते हुए ये प्रमुख निर्देश दिए। त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दर्शन पथ बनाया जाएगा। इसके लिए मंदिर के मुख्य चौक में स्थित दुकानों, अतिक्रमण और सरकारी कार्यालयों को हटाने का प्रस्ताव है।
आयुक्त ने स्पष्ट कहा है कि इस कार्रवाई को शुरू करने से पहले स्थानीय नागरिकों को विश्वास में लेना होगा और उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा। शहर के तहसील कार्यालय के पीछे स्थित कचरा डिपो को पालिका द्वारा निर्धारित साढ़े चार एकड़ जगह पर तत्काल स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। स्वच्छता के लिए यह कदम उठाना आवश्यक है।
आयुक्त शेखर सिंह ने 46 करोड़ रुपये के इस शुरू हो चुके काम (बेझे-गोतमी संगम बांध से पाइपलाइन) का प्रत्यक्ष दौरा कर निरीक्षण किया और कार्य की गति का जायजा लिया।
जल संसाधन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, वन, ‘एमएसईडीसीएल’ सहित कई विभागों के 30 कार्य प्रस्तावित हैं। आयुक्त शेखर सिंह ने सभी कामों को गुणवत्ता और समयबद्ध नियोजन के साथ पूरा करने के आदेश दिए हैं।
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शहर में पानी की कमी दूर करने और गोदावरी को पवित्र रखने के लिए एक बड़ी योजना पर काम शुरू हुआ है- नगर परिषद शहर में पानी वितरण की एक महत्वाकांक्षी योजना बना रही है। बेझे से शहर तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली जाएगी, जिससे लगभग 120 लाख लीटर पानी उपलब्ध होगा। इस पाइपलाइन से गोदावरी नदी को साल भर प्रवाहित रखने के लिए अहिल्या कुंड और गंगासागर तालाब में पानी छोड़ा जाएगा। शेष पानी शहर के नागरिकों के उपयोग के लिए दिया जाएगा।