मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुआवाजा (सौजन्य-सोशल मीडिया)
2008 Malegaon Blast Case Verdict: मालेगांव विस्फोट मामले में आज एनआईए की एक विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। एनआईए कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), शस्त्र अधिनियम और अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में, एनआईए अदालत ने पाया कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की मोटरसाइकिल के अंदर बम रखे जाने का कोई सबूत नहीं है। अदालत ने कहा कि विस्फोटक वाहन पर रखा या लटकाया जा सकता था। इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के आवास पर आरडीएक्स रखे जाने का कोई सबूत नहीं है।
एनआईए कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। साथ ही यह घोषणा की कि विस्फोट के सभी छह पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और सभी घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा, “हमने एडीजी एटीएस को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में विस्फोटक रखने के मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया है।”
NIA Court acquits all accused in Malegaon blast case | The families of all six victims of the blast will be given Rs 2 lakh each, and all injured victims will be given Rs 50,000 as compensation. — ANI (@ANI) July 31, 2025
29 सितंबर, 2008 को नासिक के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोग मारे गए और 100 लोग घायल हो गए थे। इस मामले पर नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
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2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी किए जाने पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, “17 साल के इंतज़ार के बाद आखिरकार मालेगांव बम विस्फोट मामले में न्यायिक फैसला आ ही गया। यह फैसला क्रूर कांग्रेस शासन के मुंह पर करारा तमाचा है। जैसा कि हमने सतयुग, त्रेता और द्वापर में देखा है, आज भी सत्य को दबाया जा सकता है, पराजित नहीं। कांग्रेस के शासनकाल में हमारे पवित्र सनातन हिंदू धर्म और भगवा ध्वज को आतंकवाद से जोड़ने का जानबूझकर और शर्मनाक प्रयास किया गया।”