विश्व फार्मसिस्ट दिन 2025 (फाइल फोटो)
Pharmacist Day Special: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में वर्णित किया है। 25 सितंबर को दुनिया ‘विश्व फार्मासिस्ट दिवस’ मनाती है। इस बार की थीम ‘स्वास्थ्य के बारे में सोचें, फार्मासिस्ट के बारे में सोचें’ है। यह दिवस दवा सुरक्षा, रोगी परामर्श और रोग निवारण में समग्र विशेषज्ञता प्रदान करके स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।
वर्तमान में फार्मासिस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। भूमिका केवल दवाई के वितरण तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें निवारक देखभाल, टीकाकरण, अनुसंधान वैज्ञानिक, परामर्श और जन स्वास्थ्य शिक्षा भी शामिल हो गई है। स्वास्थ्य सेवा से जुड़े डॉक्टरों और मरीजों के स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंध को मजबूत करने में फार्मासिस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फार्मासिस्ट वह स्रोत हैं जहां लोग अपनी दवाओं से सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करते हैं।
वे अपने अनुभव, ज्ञान और विशेषज्ञता का उपयोग सभी के लिए दवा के उपयोग को बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं। वर्तमान में फार्मासिस्ट की भूमिका दवा और औषधि वितरण तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें निवारक देखभाल, टीकाकरण, अनुसंधान वैज्ञानिक, परामर्श और जन स्वास्थ्य शिक्षा भी शामिल है। फार्मासिस्ट अब स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र का केंद्र बन गए हैं।
राज्य में वर्तमान में 4.8 लाख लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्ट और लगभग 1.20 लाख दवा की दुकानें हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट सीधे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में काम करते हैं। राज्य में कुल 1,000 फार्मेसी कॉलेज हैं। फार्मासिस्ट जिनके पास इतना बड़ा प्रसार और दवा वितरण की जिम्मेदारी है, अभी भी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में दिन-रात सेवा देने के बावजूद फार्मासिस्टों को अग्रिम पंक्ति के ‘योद्धाओं’ के रूप में मान्यता नहीं दी गई। नागपुर जिले में 7,800 मेडिकल स्टोर्स हैं। वहीं करीब 25,000 फार्मासिस्ट हैं। यानी समाज की स्वास्थ्य सेवा में डॉक्टरों के साथ ही फार्मासिस्ट की फौज भी जुटी हुई है।
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आज के बदलते परिवेश में जहां लोग अपने स्वास्थ्य और चिकित्सा के प्रति जागरूक हैं; मेरा मानना है कि सभी सामाजिक और स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को केवल फार्मासिस्ट के रूप में ही सबसे अच्छी तरह से पूरा किया जा सकता है। फार्मासिस्ट सही उत्पाद को सही व्यक्ति तक और किफायती तरीके से उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
– डॉ. कमलेश वाधेर, प्राचार्य, केडीके कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट
वक्त के साथ फार्मासिस्ट की भूमिका बदली है। डॉक्टरों के बाद दूसरी पक्ति में आज फार्मासिस्ट ही हैं। यानी स्वास्थ्य सेवा का महत्वपूर्ण अंग हैं। 7 तरह के फार्मासिस्ट हैं लेकिन लोगों से सीधा संबंध जिन फार्मासिस्ट का आता है उन्हें मरीजों में जनजागृति की जिम्मेदारी का योग्य तरीके से निर्वहन करना चाहिए। मरीजों को दवाइयों के सेवन में बारे में उचित परामर्श देना चाहिए।
– हरीश गणेशानी, पूर्व सदस्य, स्टेट फार्मेसी काउंसिल