नागपुर न्यूज
Nagpur News: हाई कोर्ट ने विदेशी नागरिकों के लिए हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) के संचालन की स्थिति को लेकर उत्पन्न हुए एक महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दे को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया। उल्लेखनीय है कि एक नाइजीरियाई नागरिक एमेका पॉलीनस उडेंजे की जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश उर्मिला जोशी फालके ने 18 जुलाई 2025 को आदेश जारी किया था।
जिसमें संबंधित सरकारी अधिसूचना के बावजूद महाराष्ट्र में कोई भी डिटेंशन सेंटर का संचालन नहीं होने का मामला उजागर हुआ था जिसके बाद इसे जनहित याचिका के रूप में डबल बेंच के सामने रखने का निर्देश दिया था। मंगलवार को न्यायाधीश अनिल किल्लोर और न्यायाधीश रजनीश व्यास ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर याचिका के रूप में प्रेषित करने के लिए अधि। चैतन्य बर्वे को अदालत मित्र के रूप में नियुक्त कर दिया।
याचिकाकर्ता एमेका पॉलीनस उडेंजे को 21 मई 2023 को नागपुर सिटी के साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज अपराध के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 419, 4207, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(C), 66(D) और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 147 के तहत अपराध दर्ज किए गए थे। यह शिकायत प्रिया गोंडाणे द्वारा 18 मार्च 2023 को दर्ज कराई गई थी।
उसे 19 जून 2023 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा 50,000 रुपये के व्यक्तिगत मुचलके और जमानत बांड पर जमानत दी गई थी। जमानत की शर्त के अनुसार उसे राज्य या केंद्र सरकार के अगले आदेश तक विदेशी नागरिकों के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित विशेष शिविर में रहने का निर्देश दिया गया था।
याचिकाकर्ता उडेंजे के वकील का मानना था कि आवेदक का वीजा समाप्त हो चुका है और केंद्र/राज्य सरकार द्वारा इसके विस्तार या उसके रहने की सीमा के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया है। कोर्ट को बताया कि उसके लिए कोई डिटेंशन सेंटर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। वर्तमान में वह कथित तौर पर साइबर पुलिस स्टेशन में है।
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7 मई 2025 को सरकारी वकील द्वारा मुंबई में 2 हिरासत केंद्रों—तलोजा, मुंबई (क्षमता 213) और भोईवाडा, मुंबई (क्षमता 80)310 के उपलब्ध होने की जानकारी दिए जाने के आधार पर एमेका को तलोजा हिरासत केंद्र स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। किंतु एमेका ने दोबारा अदालत का रुख करते हुए कहा कि ऐसा कोई केंद्र उपलब्ध नहीं है।
सरकारी वकील ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यदि शर्त में ढील दी जाती है तो मुकदमे के लिए आवेदक की उपस्थिति सुनिश्चित करना कठिन होगा। उन्होंने 25 जुलाई 2024 की सरकारी अधिसूचना पर भरोसा जताया। कोर्ट ने 25 जुलाई 2024 की सरकारी अधिसूचना का अवलोकन किया।
इस अधिसूचना में 5 जुलाई 2024 को हुई कैबिनेट की बैठक में अस्थायी रूप से भोईवाड़ा सेंट्रल जेल मुंबई में 80 विदेशी नागरिकों की क्षमता वाला केंद्र और स्थायी रूप से राज्य राखीव पुलिस बल, गट क्रमांक 11, बालेगांव, नवी मुंबई में 213 विदेशी नागरिकों की क्षमता वाला केंद्र शुरू करने की मंजूरी दी गई थी।