कोयला खदान (सौजन्य-IANS)
Coal Mine: कोयला क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वेस्टर्न कोल फील्ड्स लि. (वेकोलि) में अजीबोगरीब कार्यप्रणाली देखने को मिल रही है। डेटोनेटर खत्म होने के कारण पहले से ही उत्पादन संकट झेल रही वेकोलि में अब ‘डीजल’ संकट देखने को मिल रहा है। मशीनों में डीजल नहीं होने से 15-15 घंटे तक उत्पादन ठप पड़ रहा है। ऐसा होता नहीं है लेकिन हुआ है।
जानकारों ने बताया कि कामठी कन्हान क्षेत्र में स्थित गोंडेगांव ओपन माइंस गुरुवार की रात 7 बजे से बंद पड़ गई है। शुक्रवार शाम 4 बजे तक उत्पादन शुरू नहीं हो पाया था। जानकारों ने बताया कि मशीनों में डालने के लिए प्रबंधन के पास डीजल नहीं था। डीजल नहीं होने से मशीनें बंद पड़ गई थीं। इस कारण वहां पर अफरातफरी मच गई। कारोबारियों ने जब वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया तब यह बात सामने आई कि वेकोलि के पास ‘डीजल’ नहीं है। इस बीच ट्रकों की कतार लग गई।
जानकारों ने बताया कि इस खदान की क्षमता प्रति दिन 14,000 टन कोयला उत्पादन करने की है लेकिन औसत में 12,000 टन उत्पादन होता है। आधा दिन उत्पादन नहीं होने से लगभग 6-7 हजार टन कोयला उत्पादन नहीं हो पाया। जिन ग्राहकों को कोयला लेना था उन्हें नहीं मिल पाया।
इससे पहले भी लोगों ने कई बार आरोप लगाये हैं कि वेकोलि की खदानों से डीजल की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। आलम यह है कि डीजल भरने वाले ही मशीनों में कम डीजल डालते हैं और बचे हुए डीजल को खुले मार्केट में बेच देते हैं लेकिन प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब वस्तुस्थिति सभी के सामने है। डीजल के नाम पर करोड़ों रुपये का खेल खेला जा रहा है। बिल पेश कर हेड क्वार्टर से पूरी की पूरी रकम निकाल ली जा रही है।
ऐसा नहीं है कि यह घटना केवल गोंडेगांव से आई है। इसके पहले भी कई खदानों से डीजल की कमी की खबर आती रही है जिसके कारण कुछ समय के लिए उत्पादन प्रभावित हुआ है। विजिलेंस की कमी के कारण ही यह सब खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। एक-एक खदान से करोड़ों रुपये की डीजल चोरी होने की जानकारी है।
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अंडरग्राउंड खदानों से कोयला उत्पादन अब भी बंद है। जानकारों का कहना है कि कंपनियों को मंगलवार के बाद ही डेटोनेटर मिल सकेगा। इसके बाद ही उत्पादन शुरू हो पाएगा। तब तक कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वेकोलि में 17 खदानों पर इसका असर पड़ा है, जबकि देश में 300 खदानें प्रभावित हुईं हैं।
इस संबंध में वेकोलि से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि रात में कुछ इश्यू आया था लेकिन कुछ मशीनें चल रही थीं। सुबह 6 से 8.30 बजे तक उत्पादन बंद रहा क्योंकि कुछ जगह डीजल की कमी हो गई थी। 9 बजे डीजल आने के बाद उत्पादन शुरू हो गया।
सतीश गबाले, जीएम (कम्यूनिकेशन)