सुनील केदार (फाइल फोटो)
नागपुर. एनडीसीसी बैंक के बहुचर्चित घोटाले में संचालक रहे सुनील केदार को सजा सुनाई गई है। हालांकि उनके साथ अन्य लोगों को भी सजा सुनाई गई है किंतु राजनीतिक भविष्य पर पड़ते इसके असर को देखते हुए अब सजा पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सुनील केदार की ओर से हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई। याचिका पर सुनवाई के दौरान केदार की ओर से पैरवी कर रहे वकील द्वारा राहुल गांधी केस तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का आधार लेते हुए इसी तर्ज पर राहत देने की मांग की गई। सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सहायक सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में पहले राज्य के महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखने जा रहे थे किंतु उनकी व्यस्तता के चलते अब विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति की जा रही है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे सहायक सरकारी वकील द्वारा विशेष वकील की नियुक्ति के लिए 3 जुलाई तक समय प्रदान करने का अनुरोध कोर्ट से किया गया। सरकारी पक्ष की इस दलील का केदार के वकील द्वारा कड़ा विरोध किया गया। केदार के वकील ने कहा कि इसके पूर्व भी इसी तरह से समय मांगा गया था। सरकार की ओर से लगातार पैरवी टाली जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर से विरोध को देखते हुए कोर्ट ने गुरुवार तक का समय प्रदान कर सुनवाई स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद जहां केदार की विधायिका गई वहीं अब नए सिरे से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हाई कोर्ट से राहत की जरूरत है। सजा पर रोक लगने के बाद ही विधानसभा का चुनाव लड़ने का मार्ग खुल सकेगा।
इस मामले में न्यायाधीश उर्मिला जोशी फालके की बेंच के समक्ष सुनवाई की गई। फिलहाल राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया। उल्लेखनीय है कि एनडीसीसी बैंक घाटोले में दोषी पाए जाने के बाद 22 दिसंबर, 2023 को विशेष न्यायालय ने केदार सहित 6 लोगों को 5 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसकी वजह से केदार की विधानसभा सदस्यता भी रद्द हो गई। विशेष अदालत के फैसले तथा तय कानूनी धाराओं के कारण अब अगले 6 वर्ष के लिए केदार कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसी कारण से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। यदि केदार को इसमें सफलता मिलती है तो विधानसभा का चुनाव लड़ने का मार्ग खुल जाएगा।