नागपुर न्यूज
Nagpur News: मनपा के लिए उस समय अजोबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब आरटीजीएस से होने वाला भुगतान ही विफल हो गया। इस मसले को लेकर राज्य सरकार की ओर से भी प्रतिसाद नहीं मिलने से मनपा की वित्तीय स्थिति अधिक चिंताजनक होने के आसार हैं।
हालांकि राज्य सरकार ने मनपा को 411 करोड़ मंजूर तो किए किंतु गत सप्ताह तक केवल 23 करोड़ ही प्राप्त हो सके हैं जिससे राज्य सरकार की तिजोरी भी खाली होने की स्थिति उजागर हो रही है। विशेषत: राज्य सरकार द्वारा सिटी को 95 करोड़ आवंटित किए गए थे जिनमें मनपा के लिए 45 करोड़ तथा अन्य राशि महारेल और एनएमआरडीए के लिए है। इसी 45 करोड़ में से मनपा की तिजोरी में गत 15 दिनों में 23 करोड़ रुपए जमा हो पाए, जबकि 22 करोड़ का इंतजार है।
विशेषत: 2022 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री और अब के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर शहर के लिए 411।86 करोड़ रुपये मंजूर किए थे लेकिन यह निधि भी अभी तक मनपा को पूरी तरह नहीं मिली है। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा 2 बार जीएसटी अनुदान के भुगतान में भी देरी हुई। अप्रैल और मई के कुल 296 करोड़ रुपये का अनुदान देर से मिला था।
यहां तक कि न केवल नागपुर बल्कि सभी महानगरपालिकाओं का लगभग 5,000 करोड़ रुपये का जीएसटी अनुदान 2 महीने तक अटका रहा था। रक्षाबंधन से पहले भी जीएसटी अनुदान में देरी हुई थी जिससे कहीं राज्य सरकार भी वित्तीय संकट का सामना तो नहीं कर रही है? इस तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
आश्चर्यजनक है कि इन कार्यों का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और इन कार्यों को करने वाले ठेकेदारों के बिल सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास पड़े हुए हैं। विधानसभा चुनाव के वर्ष में राज्य सरकार ने मनपा को बड़ी मात्रा में 1,400 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। यह निधि सीमेंट सड़क चरण-4, एकीकृत यातायात प्रबंधन, ई-बस और टाउन हॉल जैसे विभिन्न परियोजनाओं के लिए 2023-24 के वित्तीय वर्ष में दी गई थी।
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हालांकि 28 जून 2024 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ शुरू करने को मंजूरी देने के बाद मनपा को मिलने वाली निधि का फ्लो कम होता दिख रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि उसके बाद के समय में राज्य सरकार ने धन देने में हाथ खींच लिया है।