नागपुर न्यूज
Shalarth ID Scam: नागपुर में शालार्थ आईडी घोटाले में शामिल 632 संदिग्ध शिक्षकों, प्राचार्यों और स्कूल संचालकों की जांच आखिरकार मंगलवार को शुरू हो गई। पहले दिन 50 शिक्षकों को सुनवाई के लिए बुलाया गया और उनके दस्तावेजों की जांच की गई। नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज पूरे नहीं कर पाने वाले शिक्षकों पर क्या कार्रवाई होगी? यह चर्चा का बना हुआ विषय है।
यह सुनवाई उपसंचालक स्तर पर हो रही है। उपसंचालक द्वारा एक समिति गठित की गई है। इस समिति में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के अधिकारी शामिल हैं। सुनवाई डायट कार्यालय में ही चल रही है। शालार्थ आईडी घोटाले में जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के कई मामले सामने आए हैं। इन्हें शालार्थ आईडी के जरिए भुगतान भी किया गया।
इस मामले में साइबर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है और अब तक 20 अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उपसंचालक माधुरी सावरकर ने सबसे पहले संबंधित शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों और स्कूल प्रबंधकों को नोटिस जारी किए थे। वास्तविक सुनवाई मंगलवार से शुरू हुई। फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में उपसंचालक कार्यालय स्वयं शिकायतकर्ता है। उसके अनुसार इन शिक्षकों की शालार्थ आईडी उपसंचालक कार्यालय द्वारा नहीं बनाई गई थी। कई शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई है।
अनुमान है कि ऐसे शिक्षकों को अपात्र घोषित किया जा सकता है। शिक्षकों की संख्या अधिक है, इसलिए पहले दिन 50 शिक्षकों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था। उनके दस्तावेजों की जांच की गई। इनमें मुख्याध्यापक और स्कूल प्रबंधक भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार कई शिक्षक अपनी स्कूल आईडी से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं। अधिकारियों के अनुसार साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाने वाले शिक्षकों को अपात्र घोषित किया जा सकता है और उनकी नियुक्ति भी रद्द की जा सकती है। इससे शिक्षकों में भय बढ़ गया है।
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इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संदिग्ध शिक्षकों, प्राचार्यों और स्कूल संचालकों की सुनवाई चल रही है। मंगलवार को सुनवाई के लिए 50 लोगों को बुलाया गया था। संख्या अधिक होने के कारण सुनवाई चरणों में 15 दिनों से अधिक समय तक चलेगी। जब तक यह पूरी नहीं हो जाती, इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता। कार्रवाई के संबंध में निर्णय वरिष्ठ स्तर पर लिया जाएगा।
– माधुरी सावरकर, शिक्षा उपसंचालक, नागपुर विभाग