सुपारी गोदाम में छापेमारी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Crime News: नागपुर शहर में खर्रा और पान मसाले के लिए उपयोग की जा रही सड़ी सुपारी की शिकायत मिलने पर सीपी रवींद्र कुमार सिंगल ने क्राइम ब्रांच को कार्रवाई का आदेश दिया। डीसीपी राहुल माकणीकर के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमों ने सुपारी व्यापारी और ट्रांसपोर्टरों के गोदाम पर छापेमारी की गई।
जांच में 464 बोरे सुपारी मिली है जो पुलिस ने अन्न सुरक्षा अधिकारी के अधीन सील कर दी है। पुलिस ने सुपारी व्यापारी ट्रांसपोर्टर पर मामला भी दर्ज किया है। आरोपियों में नवाज चामड़िया, अनूप नागरिया और अन्य का समावेश है। एनडीपीएस सेल की टीम ने गुरुवार की दोपहर स्मॉल फैक्ट्री एरिया लकड़गंज में स्थित विक्रांत ट्रांसपोर्ट के गोदाम पर छापा मारा। सफेद रंग की 315 बोरियों में सड़ी सुपारी मिली।
1 बोरी में 50 किलो सुपारी थी जिसकी कीमत 20,000 रुपये बताई जा रही है। विक्रांत ट्रांसपोर्ट के गोदाम में ही सारा माल सील किया गया। वहीं चामड़िया सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने स्मॉल फैक्ट्री एरिया के ही मोरियानीपुर ट्रांसपोर्ट के गोदाम पर छापा मारा। यह गोदाम अनूप नागरिया का है। पुलिस को 50 किलो वाली 44 बोरियों में सड़ी सुपारी मिली।
पुलिस ने कार्रवाई की जानकारी अन्न व औषधि प्रशासन को दी। अन्न सुरक्षा अधिकारियों ने दोनों गोदामों में पंचनामा कर माल सील किया। यूनिट 3 की टीम ने भी 2 जगहों पर छापेमारी की है। सबसे पहले कलमना मार्केट में स्थित प्रीति इंडस्ट्रीज पर छापा मारा गया। वहां सड़ी सुपारी के 48 बोरे मिले।
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इसके बाद जबलपुर बाइपास रोड के धारगांव में स्थित लक्ष्मी कोल्ड स्टोरेज पर छापा मारकर 57 बोरे सुपारी जब्त की गई। अन्न सुरक्षा अधिकारियों ने दोनों गोदामों से सैंपल ले लिया हैं जिसकी जांच की जानी है। सभी के खिलाफ अन्न सुरक्षा मानक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अचानक पुलिस के सक्रिय होने से सुपारी व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। कई व्यापारियों ने तो अपने गोदाम खाली करवाकर माल दूसरे स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। वैसे स्थानीय पुलिस थानों के डीबी स्क्वाड और क्राइम ब्रांच की मिलीभगत से ही सुपारी का धंधा करने वाले पैर पसार रहे हैं। शहर में दर्जनों सुपारी व्यापारी हैं। इनकी जानकारी पुलिस विभाग के पास है लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं की जाती। आला अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद तो कार्रवाई करना ही था लेकिन अब भी इस धंधे की बड़ी मछलियां पुलिस के जाल में नहीं आई हैं।